Author(s): अर्चना सेठी, बी.एल. सोनेकर

Email(s): sonekarptrsu@gmail.com

DOI: Not Available

Address: डाॅ अर्चना सेठी1 , डाॅ. बी.एल. सोनेकर2
1 सहायक प्राध्यापक, अर्थषास्त्र अघ्ययनषाला, प्ंा रविषंकरश्षुक्ल विष्वविद्यालय, रायपुर
2सह-प्राध्यापक, अर्थषास्त्र अध्ययनषाला, पं. रविषंकर षुक्ल विष्वविद्यालय, रायपुर (छ.ग.)
*Corresponding Author

Published In:   Volume - 6,      Issue - 4,     Year - 2018


ABSTRACT:
उत्प्रवास न केवल जनसंख्या की गतिशीलता को ब्यक्त करता है अपितु संबंधित क्षेत्र की सामाजिक आर्थिक स्थ्तिि एवं वर्तमान संसाधनों पर जनसंख्या का दबाव ब्यक्त करता है।जनसंख्या परिवर्तन में प्रजननता मत्र्यता की भांति उत्प्रवास की भी महत्वपूर्ण भूमिका होती है। सामान्यतः पुरुषों के प्रवास में आर्थिक कारण की प्रबलता होती है वहीं महिला प्रवास में वैवाहिक एवं पारिवारिक कारण उत्तरदायी होता है। प्रस्तुत शोध का उददेष्य उत्प्रवासी श्रमिकों के पलायन की प्रकृति एवं कारणों का अध्ययन करना षैक्षणिक स्तर एवं आर्थिक क्रियाकलापों का अध्ययन करना तथा उत्प्रवासीे श्रमिकों के समस्याओं का अध्ययन कर उत्प्रवास रोकने हेतु आवष्यक सुझाव प्रस्तुत करना है। अध्ययन हेतु रायपुर जिले के 2017.18 के 200 परिवार का सर्वेक्षण किया गया उत्प्रवासियों से अनुसूची द्धारा जानकारी एकत्र की गई। रायपुर जिले के 4 विकासखंडों से 10 गांवों का चयन दैवनिदर्षन पद्धति द्धारा किया गया। प्रत्येक विकासखंड से 10 ग्राम का चयन तथा प्रत्येक ग्राम से 05 परिवारों का चयन दैवनिदर्षन पद्धति द्धारा किया गया हैं।इस प्रकार कुल 200 परिवार का चयन किया गया।200 परिवारों में से 670 श्रमिकों ने उत्प्रवास किए। 2017.18 में सर्वेक्षित परिवार के 670 श्रमिकों ने उत्प्रवास किया जिसका पुरुष 54ण्18 एवं 45ण्82 प्रतिषत महिला थे। कुल उत्प्रवासित श्रमिकों का 3ण्23 प्रतिषत जिले के अंदर उत्प्रवास किये 3ण्73 प्रतिषत जिले के बाहर तथा 93ण्73 प्रतिषत राज्य के बाहर उत्प्रवास किये। सर्वेक्षित परिवार के उत्प्रवास न करने वाले श्रमिक 717 थे जिसका 51ण्60 प्रतिषत पुरुष तथा 48ण्40 प्रतिषत महिला थेे। गंतब्य स्थल में उत्प्रवासित श्रमिकों का सर्वाधिक 29ण्25 प्रतिषत भवन निर्माण 26ण्27 प्रतिषत ईंटभटठा 24ण्48 प्रतिषत सडकनिर्माण 15ण्07 प्रतिषत उद्योग एवं 2ण्69 प्रतिषत होटल एवं घरेलू कार्य में संलग्न लारेंज वक्रसे यह स्पष्ट है कि उत्प्रवासित श्रमिकों की विभिन्न ब्यवसाय में क्रियाशीलता मेंअसमानता है। गिनी गुणांक सूचकांक 0ण्43 है। गांव के लोगों को गांव में ही रोजगार उपलब्ध कराने के लिए केंद्र एवं राज्य सरकार प्रतिबö है तथा अनेक कार्यक्रम शासन संचालित कर रही है इसमें भारत निर्माण तथा मनरेगा प्रमुख है। उत्प्रवासित श्रमिकों को गंतब्य स्थल पर अनेक कठिनाइयों का सामना करना पडता है कई बार उन्हें बंधक बनाकर उनका शोषण किया जाता है।उत्प्रवास रोकने के लिए उन्हें गांव में ही रोजगार उपलब्ध कराया जाय।


Cite this article:
अर्चना सेठी , बी.एल. सोनेकर. छत्तीसगढ के रायपुर जिले के खेतीहर परिवारों में उत्प्रवास की समस्या. Int. J. Ad. Social Sciences. 2018; 6(4):187-194.

Cite(Electronic):
अर्चना सेठी , बी.एल. सोनेकर. छत्तीसगढ के रायपुर जिले के खेतीहर परिवारों में उत्प्रवास की समस्या. Int. J. Ad. Social Sciences. 2018; 6(4):187-194.   Available on: https://ijassonline.in/AbstractView.aspx?PID=2018-6-4-5


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