ABSTRACT:
मानव संसाधन हमारे देश भारत के जनसंख्या के बारे में बताता है । इस वजह से हमें मानव के दक्षता, शैक्षिक गुण, उत्पादिता, संगठनात्मक क्षमताओं, और दूरदृष्टिता का पता मिलता है । यह हमारे देश के आर्थिक विकास को बढ़ाता है । मानव संसाधन को मानव पूँजी भी कहा जाता है । मानव संसाधन का महत्व आर्थिक विकास और जनसंख्या वृद्धि दोनों से अंतर्संबंधित है । विकास जितना जनसंख्या को प्रभावित करता है, उतना ही जनसंख्या विकास को प्रभावित करती है। मनुष्य आर्थिक क्रियाओं का अंत और साधन है। इसी कारण मानव संसाधन को एक बड़ी संपत्ति माना जाता है। इस प्रकार आर्थिक विकास में मानव संसाधन की भूमिका का संक्षेप निम्न हैं:-
Cite this article:
के. एस. गुरूपंच, . एम. एस. साहू . मानव संसाधन विकास के सामाजिक, आर्थिक, मनोवैज्ञानिक, भौगोलिक एवं पर्यावरणीय आयाम. Int. J. Ad. Social Sciences 2(4): Oct. - Dec., 2014; Page 213-216.
Cite(Electronic):
के. एस. गुरूपंच, . एम. एस. साहू . मानव संसाधन विकास के सामाजिक, आर्थिक, मनोवैज्ञानिक, भौगोलिक एवं पर्यावरणीय आयाम. Int. J. Ad. Social Sciences 2(4): Oct. - Dec., 2014; Page 213-216. Available on: https://ijassonline.in/AbstractView.aspx?PID=2014-2-4-5