ABSTRACT:
अध्ययन क्षेत्र जनपद जौनपुर में भूमि ही सर्वाधिक महत्वपूर्ण प्राकृतिक संसाधन है, जिसका दोहन विभिन्न सामाजिक-आर्थिक क्रियाओं में हजारों वर्षों से किया जाता रहा है। यहाँ सम्पूर्ण आर्थिक तंत्र के केन्द्र में भूमि आधारित कृषि है, जिससे किसान इस प्रकार आबद्ध है कि उससे हटकर उसका कल्याण सम्भव नहीं है। फलस्वरूप समुचित कृषि सुधार के द्वारा ही ऐसी परिस्थितियाँ पैदा की जा सकती हैं, जिससे क्षेत्र का विपन्न किसान अपनी आर्थिक एवं सामाजिक दशा में सुधार कर सकता है। इसलिए क्षेत्र में ऐसी भू वैन्यासिक संगठन और समन्वित विकास योजना की आवश्यकता है, जिससे क्षेत्र में रोजगार प्राप्ति की सुविधा और आय में वृद्धि की सम्भावना हो। इसके लिए जहाँ एक ओर प्राकृतिक विपदाओं पर नियंत्रण आवश्यक है, तो दूसरी ओर कृषि अर्थव्यवस्था में नवीन तकनीकों एवं वैज्ञानिक प्राविधियों के प्रयोग से उत्पादन में अभिवृद्धि, कृषि का व्यापक व्यापारीकरण तथा उसमें विविधता उत्पन्न करने की आवश्यकता है, जिससे क्षेत्र के निवासियों को स्वास्थ्यप्रद भोज्य पदार्थ एवं जीवन की अन्य सुविधायें प्रदान की जा सके। इससे जहाँ एक ओर भूमि के दुरूपयोग में कमी होगी, तो दूसरी ओर उसमें क्षेत्र की बढ़ती जनसंख्या के अधिभार को सहन करने की क्षमता में वृद्धि होगी, जिससे जनपद आत्मनिर्भर होकर कालान्तर में अन्य क्षेत्रों को अपने उत्पादनों का लाभ दे सकेगा। प्रस्तुत शोध पत्र में द्वितीय तथा तृतीयक स्रोत से प्राप्त आँकड़ों का प्रयोग एवं सामाजिक-आर्थिक और सांस्कृतिक तथ्यों को स्पष्ट करने के लिए क्षेत्र में भौतिक तथा सांस्कृतिक मानचित्रों व तालिकाओं का प्रयोग यथास्थान पर हुआ है। प्रस्तुत शोध पत्र व्याख्यात्मक एवं विश्लेषणात्मक अनुसंधान पर आधारित है।
Cite this article:
रोहित चैरसिया, महीप चैरसिया. कृषि विकास की समस्यायें एवं संभावनाएँ: जनपद जौनपुर (उ.प्र.) का एक भौगोलिक अध्ययन. Int. J. Ad. Social Sciences. 2021; 9(1):67-72.
Cite(Electronic):
रोहित चैरसिया, महीप चैरसिया. कृषि विकास की समस्यायें एवं संभावनाएँ: जनपद जौनपुर (उ.प्र.) का एक भौगोलिक अध्ययन. Int. J. Ad. Social Sciences. 2021; 9(1):67-72. Available on: https://ijassonline.in/AbstractView.aspx?PID=2021-9-1-13
संदर्भ सूची
1. कुमार, रतन 1999. भूमि उपयोग परिवर्तन एवं नवाचार, शोध प्रबन्ध वीर बहादुर सिंह पूर्वाचल विष्वविद्यालय, जौनपुर पेज नं.
60-72
2.
कुमार, सुशील 2009, ग्रामीण विकास एवं क्षेत्रीय नियोजन, अर्जुन पब्लिशिंग हाउस, नई
दिल्ली, पेज नं.
182-195
3. चैरसिया, महीप, 2018. सामाजिक-आर्थिक रूपांतरण एवं ग्रामीण विकासः जौनपुर जनपद का
एक भौगोलिक अध्ययन, स्वीकृत शोध प्रस्ताव वीर बहादुर सिंह पूर्वांचल विष्वविद्यालय, जौनपुर। पे.नं.-6
4.
तिवारी, आर.सी. और
सिंह, बी.एन. 2014, कृषि भूगोल, प्रवालिका पब्लिकेषन, प्रयागराज, पेज नं.
80-95
5.
तिवारी, आर.सी. एवं सिंह, बी.एन. 2018, कृषि भूगोल, प्रवालिका पब्लिकेषन, प्रयागराज, पेज नं.
60-82
6.
माथुर, बी.एल. 2017, ग्रामीण अर्थव्यवस्था, अर्जुन पब्लिशिंग हाउस, नई
दिल्ली, पेज नं.
205-213
7.
मौर्य, एस.डी. 2012. मानव एवं आर्थिक भूगोल, शारदा पुस्तक भवन, प्रयागराज, पेज नं.
256-280
8. सिंह, रवीन्द्र, 2009, जौनपुर (जनपद के
ग्रामीण विकास में जैव संसाधनों की
भूमिका, शोध प्रबंध, वीर बहादुर सिंह पूर्वांचल विष्वविद्यालय, जौनपुर पेज नं.
105-121
9.
सिंह, बैजनाथ 2011, सामुदायिक ग्रामीण विकास, अर्जुन पब्लिशिंग नई
दिल्ली, पेज नं.
89-103
10. जिला खादी एवं ग्रामोद्योग कार्यालय, जौनपुर
11.
जिला सांख्यिकीय पत्रिका जनपद जौनपुर
12.
जिला हथकरघा कार्यालय, जौनपुरAhmad, Enayat, 1965, Physical, Economical Geography, Ranchi University
Press P. 188
13.
District Census hand Book Jaunpur (2018)
14.
Singh, R.B. 1976, Maya Bazar:
Geographical Study of a Rural Service Centre, Uttar Pradesh Bhoogol Patrika Vo.
12.
15.
Stamp, L.D. 1962 'The Trend of Britain:
Its use and misuse, p-426 (Third Edition), London.
16. Waterson, 1974, A Viable
Mode for Rural Development, Finance and Delopment, Dec., pp-22-25.