Author(s):
चेतना गजपाल, कुबेर सिंह गुरुपंच
Email(s):
govindsinghthakur1234@gmail.com
DOI:
10.52711/2454-2679.2023.00013
Address:
चेतना गजपाल1, डॉ. कुबेर सिंह गुरुपंच2
1शोधार्थी, भूगोल विभाग, शासकीय विष्वनाथ यादव तामस्कर स्नातकोत्तर स्वषासी महाविद्यालय दुर्ग, छत्तीसगढ़.
2प्रोफेसर एवं डीन, भारती विष्वविद्यालय, दुर्ग, छ.ग.
*Corresponding Author
Published In:
Volume - 11,
Issue - 2,
Year - 2023
ABSTRACT:
छत्तीसगढ़ में पर्यटन स्थलों की कमी नहीं है। छत्तीसगढ़ राज्य में उत्तर से लेकर दक्षिण, पूर्व से लेकर पश्चिम, जिस दिशा में नजर दौड़ाएंगे, वहाँ आकर्षण का केंद्र मिल जाएगा। छत्तीसगढ़ के उत्तर में तमोरपिंगला वन्यजीव अभयारण्य, समरसोत वन्यजीव अभयारण्य, दक्षिण में कांगेर घाटी वन, बस्तर की वादिया, इंद्रावती राष्ट्रीय पार्क, पूर्व में सीतानदी वन्यजीव अभयारण्य, उदंती अभयारण्य, पश्चिम में अचानकमार वन्यजीव अभयारण्य, मध्य में नवापारा वन क्षेत्र आदि के अलावा प्रत्येक जिले में धार्मिक स्थलों, नदियो, जल प्रपात व अन्य दुर्लभ पर्यटन स्थलों से राज्य एक समृद्ध सांस्कृतिक विरासत को समेटे हुए मनुष्य को प्राकृति के करीब लाती है। मेरे द्वारा शिवनाथ नदी में पिकनिक स्पॉट की पर्यावरणीय दृष्टि से देख रेख व स्थानीय लोगों को रोजगार प्रदान करने की आवश्यकता पर विश्लेषण किया गया है मेरे द्वारा शोध अध्ययन के उद्देश्य के रूप में दुर्ग जिले के शिवनाथ नदी में पर्यटन की संभावनाओं का अध्ययन, पर्यटन से रोजगार की संभावनाओं का अध्ययन एवं पर्यटन विकास एवं पर्यटन रोजगार के विकास में समस्या एवं समाधान का अवलोकन किया गया है। अध्ययन क्षेत्र के रूप में छत्तीसगढ़ के दुर्ग जिले को लिया गया है, जो कि छत्तीसगढ़ का एक प्रमुख जिला है। यह जिला औद्योगिक शहर के रूप में प्रचलित है। दुर्ग जिला छत्तीसगढ़ में रायपुर के बाद सबसे बड़ा नगरीय क्षेत्र है। रायपुर से 50 किलोमीटर एवं राजनांदगांव से 30 किलोमीटर दूर स्थित है। यह जिला शिवनाथ नदी एवं खारून नदी के तट पर बसा हुआ है। दुर्ग जिले के पर्यटन स्थल के रूप में पिकनिक स्पॉट के अंतर्गत भरदा पिकनिक स्पॉट, छातागढ पिकनिक स्पॉट, चिरैया उपवन, महादेव मंदिर चीखली, महमरा एनिकेट घाट, पुष्पवाटिका, पहाड़ीपाट पिकनिक स्पॉट आदि की सौंदर्यता को विकसित करने, पर्यावरणीय दृष्टि से सुरक्षित रखने एवं उनसे रोजगार के अवसरांें के विकास का अध्ययन किया गया है।
Cite this article:
चेतना गजपाल, कुबेर सिंह गुरुपंच. दुर्ग जिले के षिवनाथ नदी में पर्यटन एवं रोजगार की संभावनायें. International Journal of Advances in Social Sciences. 2023; 11(2):80-9. doi: 10.52711/2454-2679.2023.00013
Cite(Electronic):
चेतना गजपाल, कुबेर सिंह गुरुपंच. दुर्ग जिले के षिवनाथ नदी में पर्यटन एवं रोजगार की संभावनायें. International Journal of Advances in Social Sciences. 2023; 11(2):80-9. doi: 10.52711/2454-2679.2023.00013 Available on: https://ijassonline.in/AbstractView.aspx?PID=2023-11-2-4
संदर्भ ग्रंथ सूची
1- कुमार, दिनेश (2021). राजस्थान पर्यटनः समस्याएँ और सरकार की नीतियां. आयुषी इंटरनेशनल इंटरडिसिप्लिनरी रिसर्च जर्नल, (।प्प्त्श्र) ई-जर्नल, 8 (11), पृष्ठ क्र. प्ैैछ 2349-638ग.
2. गुरूपंच, के. एस. (2022). छत्तीसगढ़ में पर्यटन विकास. इंटरनेशनल जर्नल ऑफ एडवांस इन सोशल साइंसेज, 10(1), पृष्ठ क्र. 12-24.
3. डॉ. बलराम (2016). पर्यटन के विकास में सूचना प्रौद्योगिकी की भूमिका: गढ़वाल हिमालय क्षेत्र (उत्तराखण्ड) के विशेष संदर्भ में, शोध-पत्रिका-रिसर्च स्ट्रैटजी, अवस.6, पृष्ठ क्र. 159-164.
4. मिश्रा, पुनीता. (2018). पर्यटन की दृष्टि से पुट्टपर्ती में होटल व्यवसाय की सम्भावनाएं एंव विकास इंटरनेशनल जर्नल रिव्यू एंड रिसर्च सोशल साइंसेज, 6(3), पृष्ठ क्र. 360-365.
5. रैना, ए.के. एवं सिंह, किशोर (2007). राजस्थान में पर्यटन प्रबंधः सिद्धांत और व्यवहार अजमेर, अभिनय प्रकाशन, पृष्ठ क्र. 56.
6. सिंह, डॉ.के.के. (2019). भारतीय पर्यटन उद्योग की चुनौतियाँ एवं संभावना. जर्नल ऑफ इंडस्ट्रियल रिलेशनशीप कॉर्पोरेट गवर्नेंस एंड मैनेजमेंट एक्स्प्लोरर, 3(1), पृष्ठ क्र. 41-46