Author(s):
शाहेदा सिद्दीक़ी, सीमा पटेल
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DOI:
10.52711/2454-2679.2023.00008
Address:
डॉ. शाहेदा सिद्दीक़ी1, सीमा पटेल2
1प्राध्यापक (समाजसाास्त्र), शास. ठाकुर रणमत सिंह (स्वशासी), रीवा, म.प्र.
2शोधाथी (समाजशास्त्र), शास. ठाकुर रणमत सिंह (स्वशासी), रीवा, म.प्र.
*Corresponding Author
Published In:
Volume - 11,
Issue - 1,
Year - 2023
ABSTRACT:
किसी भी उन्नत राष्ट्र की प्रगति के लिये आवष्यक हैं कि उस राष्ट्र के लोग पुरूष एवं स्त्री दोनों ही षिक्षित हों। प्रायः हमारे देष में यह धारणा है कि षिक्षा का अधिकार एवं उपयोग केवल पुरूषों तक ही सीमित हैं स्त्रियों को केवल कामकाजी महिला एवं बच्चों को जन्म देने वाली मषीन से ज्यादा कुछ नहीं आंका जाता था। परन्तु अब आधुनिक भारत मंे धारणा बदल गयी हैं अब प्रत्येक परिवार की महिला को षिक्षा ग्रहण करने के लिये भी विभिन्न षिक्षालयों में भेजा जाने लगा हैं आधुनिक समय मंे जहाँ शिक्षा के विकास मंे नारी ने कदम रखा वहीं अन्य प्रक्रियाऐं जैसे-औद्योगीकरण, नगरीकरण, पश्चिमीकरण, आधुनिकीकरण, लौकिकीकरण, भौतिकवादी विचारधारा एवं आर्थिक स्वतंत्रता आदि ने नारी को परम्पराबद्ध बंधनों से मुक्त करके व्यावसायिक क्षेत्र में ला दिया है, परिणामस्वरूप महिलाओं के लिए विभिन्न क्षेत्रों में रोजगार के अवसर खुले हैं तथा महिलायें परम्परागत धारणाओं, मूल्यों एवं मान्यताओं को तोड कर श्रम बाजार में अपनी क्षमता एवं योग्यता के आधार पर अपना स्थान निर्धारित कर रही है। व्यवसायिक तनाव व चिंता महिलाओं में आज एक विषेष समस्या बनकर उभर रही है। राष्ट्रीय सर्वेक्षण के अनुसार महिलाओं में पुरूषों कि तुलना में उच्च व्यवसायिक तनाव व चिंता का स्तर पाया गया है। 60 प्रतिषत बिमारियों का कारण नौकरी से संबंधित तनाव व चिंता है। अतः यदि कामकाजी महिलाओं को उनके व्यवसायिक तनाव एवं चिंता का ज्ञान हो तो कुछ हद तक उन्हें इससे उत्पन्न प्रभावों से बचाया जा सकता है। अतः प्रस्तुत शोध का मुख्य उद्देष्य कामकाजी महिलाओं में व्यावसायिक तनाव व चिंता को उत्पन्न करने वाले कारकों पर प्रकाश डालना है। जिससे वह अपने तनाव व चिंता को कम कर या दूर कर स्वास्थ्यप्रद वातावरण में अपनी कार्यक्षमता को बढ़ाकर कार्य कर सकने में सक्षम हो सकती हैं। अतः प्रस्तुत शोध प्रबंध ‘‘सतना शहर कार्यकारी महिलाओं में व्यावसायिक तनाव का अध्ययन’’ को करने हेतु सतना शहर के विभिन्न संस्थानों में कार्यरत 100 महिलाओं का चयन उद्देष्य परक विधि द्वारा किया गया। निजी संस्थानों में कार्यरत महिला कर्मचारियों में व्यावसायिक तनाव, शासकीय संस्थानों में कार्यरत महिला कर्मचारियों में व्यावसायिक तनाव की अपेक्षा तुलनात्मक रूप से अधिक होता हैं। निजी संस्थनों में कार्यरत महिला कर्मचारियों में कार्य चिंता, शासकीय संस्थानों में कार्यरत महिला कर्मचारियों में कार्य चिंता की अपेक्षा तुलनात्मक रूप से अधिक होती हैं।
Cite this article:
शाहेदा सिद्दीक़ी, सीमा पटेल. कार्यकारी महिलाओं में व्यवसायिक तनाव का अध्ययन (रीवा शहर के विशेष संदर्भ में). International Journal of Advances in Social Sciences. 2023; 11(1):48-5. doi: 10.52711/2454-2679.2023.00008
Cite(Electronic):
शाहेदा सिद्दीक़ी, सीमा पटेल. कार्यकारी महिलाओं में व्यवसायिक तनाव का अध्ययन (रीवा शहर के विशेष संदर्भ में). International Journal of Advances in Social Sciences. 2023; 11(1):48-5. doi: 10.52711/2454-2679.2023.00008 Available on: https://ijassonline.in/AbstractView.aspx?PID=2023-11-1-8
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