Author(s):
अर्चना सेठी, प्रगति कृष्णन, रविन्द्र्र ब्रह्मे
Email(s):
archanasethi96@gmail.com , pragatikrishnan.8@gmail.com , ravibrahme@gmail.com
DOI:
Not Available
Address:
अर्चना सेठी1’, प्रगति कृष्णन2ए रविन्द्र्र ब्रह्मे3
1सहायक प्राध्यापक,अर्थंषास्त्र्ा अध्ययनषाला,पं रविष्ंाकर शुक्ल विष्वविद्याालय,रायपुर, छत्तीसगढ़.
2शोधार्थीं अर्थंषास्त्र्ा अध्ययनषाला,पं रविषंकर शुक्ल विष्वविद्यालय,रायपुर, छत्तीसगढ़.
3प्राध्यापक, अर्थंषास्त्र्ा अध्ययनषाला,पं रविषंकर शुक्ल विष्वविद्याालय, रायपुर, छत्तीसगढ़.
*Corresponding Author
Published In:
Volume - 8,
Issue - 3,
Year - 2020
ABSTRACT:
छत्तीसगढ आर्थिक सर्वे 2015.16 के अनुसार कुल जनसख्या में गंदी बस्तियों के रहवासी परिवारों की जनसंख्या का प्रतिषत आंध्रप्रदेष के बाद छत्तीसगढ में 31ण्98:में सबसे अधिक हैं। मकान का अभाव जनसंख्या तीव्र गति से बढना रोजगार के अवसरों का अभाव बेरोजगारी आदि कारण मलिन बस्ती के उत्पन्न होने के प्रमुख कारण है। मलिन बस्ती में निवासरत निदर्ष परिवार में से 84ण्86 प्रतिषत सदस्य षिक्षित है एवं 15ण्14 प्रतिषत सदस्य अषिक्षित है।आश्रित जनसंख्या जिसमें कि 14 वर्ष आयु तक जनसंख्या एवं 64 वर्ष से अधिक आयु की जनसंख्या शामिल है उसका प्रतिषत क्रमषः 22ण्27 एवं 6ण्3 प्रतिषत है। निदर्ष परिवार में 46ण्2 प्रतिषत सदस्य कार्यषील जनसंख्या है। समीति के अनुसार 2011.12 में नगरीय क्षेत्र में पांच सदस्यीय परिवार जिनकी औसत मासिक उपभोग ब्यय 7035 रु से कम है या प्रति ब्यक्ति औसत मासिक उपभोग ब्यय 1407 रु से कम है तब वह गरीबी रेखा से नीचे है। है।इस अनुसार रायपुर शहर की मलिन बस्ती में निवासरत निदर्ष परिवार में 40.75 प्रतिषत परिवार गरीबी रेखा से नीचे है। इनकी प्रिवार की औसत मासिक आय 4659.86 रु एवं 6627.67 रु है एवं प््राति ब्यक्ति औसत मासिक आय 928ण्25 रु एवं 1297ण्00 रु है ये परिवार 5000 रु तक आयवर्ग एवं 5000.10000 रु मासिक आय वर्ग में आते है।
Cite this article:
अर्चना सेठी, प्रगति कृष्णन, रविन्द्र्र ब्रह्मे. रायपुर शहर के मलिन बस्तियों के परिवारों की आय एवं गरीबी का अध्ययन. Int. J. Ad. Social Sciences. 2020; 8(3): 61-68.
Cite(Electronic):
अर्चना सेठी, प्रगति कृष्णन, रविन्द्र्र ब्रह्मे. रायपुर शहर के मलिन बस्तियों के परिवारों की आय एवं गरीबी का अध्ययन. Int. J. Ad. Social Sciences. 2020; 8(3): 61-68. Available on: https://ijassonline.in/AbstractView.aspx?PID=2020-8-3-1
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