Author(s): दीपा देवांगन, के. एल. टांडेकर

Email(s): Email ID Not Available

DOI: Not Available

Address: श्रीमती दीपा देवांगन1, डाॅ. के. एल. टांडेकर2
1शोधार्थी, शास. दि. स्ना. महा. राज. (छ.ग.)
2प्राचाय, शास. डाॅ. बाबा साहेब अम्बेडकर महा., डोंगरगांव, राजनांदगांव (छ.ग.)

Published In:   Volume - 6,      Issue - 2,     Year - 2018


ABSTRACT:
भारत के ग्रामीण इलाकों में उद्योग को बढ़ावा देने के के लिए अनेक सरकारी योजनाओं का संचालन किया जा रहा है। जिससे रोजगार की स्थापना हो सके। वर्तमान में सवा लाख से अधिक खादी ग्रामेद्योग के तहत कुटीर एवं लघु उद्योग चलाए जा रहे है। छत्तीसगढ़ राज्य में खादी ग्रामोद्योग बोर्ड एक विधि विहित संस्था है जिसका मूल उद्देश्य ग्रामीण क्षेत्र में खादी, रेशम, ऊनी वस्त्र एवं कुटीर उद्योगों में वृद्धि कर ग्रामीण अर्थव्यवस्था को सुदृढ़ करना जनता में आत्मनिर्भरता का संचार तथा सुदृढ़ ग्राम स्वरोजगार की स्थापना एवं शोषण रहित ग्राम की भावना को बढ़ावा देना है।प्रदेश में खादी ग्रामोद्योग द्वारा तीन प्रकार की योजनाएं संचालित है। जिसमें केन्द्र सरकार द्वारा प्रधानमंत्री रोजगार सृजन योजना व राज्य शासन की परिवार विकास मूलक योजनाएं व कारीगर प्रशिक्षण योजना में ग्रामोद्योग इकाई स्थापित करने के लिए 25.00 लाख तक लागत की परियोजनाएं स्वीकार की जाती है।


Cite this article:
दीपा देवांगन, के. एल. टांडेकर. आय एवं रोजगार के सृजन में खादी ग्रामोद्योग की योजनाओं का मूल्यांकन (एक अध्ययन राजनांदगांव जिले के विशेष संदर्भ में). Int. J. Ad. Social Sciences. 2018; 6(2):121-124.

Cite(Electronic):
दीपा देवांगन, के. एल. टांडेकर. आय एवं रोजगार के सृजन में खादी ग्रामोद्योग की योजनाओं का मूल्यांकन (एक अध्ययन राजनांदगांव जिले के विशेष संदर्भ में). Int. J. Ad. Social Sciences. 2018; 6(2):121-124.   Available on: https://ijassonline.in/AbstractView.aspx?PID=2018-6-2-8


Recomonded Articles:

International Journal of Advances in Social Sciences (IJASS) is an international, peer-reviewed journal, correspondence in the fields....... Read more >>>

RNI:                      
DOI:  

Popular Articles


Recent Articles




Tags