ABSTRACT:
उद्यमिता समाज की भावी आवष्कताओं का पूर्वानुमान करने तथा संसाधनो के नवीन सृजनात्मक एवं कल्पनाषील संयोजनों के द्वारा इन आवष्यकताओं को सफलतापूर्वक पूरा करने का कार्य है। अगर सूक्ष्म उद्यमों मे महिलाओं की भागीदारी को बढाया जाए तो उससे देष के सामने मौजूद दो संकट दूर हो सकते है-नौकरियों की संख्या मे बढोत्तरी और कार्यबल में महिलाओं की बढती भागीदारी सुनिष्चित करना। आमतौर पर हमारे देष में निजी उद्यम स्थापित करने के प्रति लोगों का सम्मान नही के बराबर है। हमारी षिक्षा प्रणाली ने ऐसे लोगों की भीड जुटायी है जो स्वतंत्र रूप से गतिविधियों का संचालन करने के बजाए दूसरों के अधीन काम करना ज्यादा पसंद करते है ।
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रूचि अग्रवाल. महिलाओं के स्वामित्व वाले उद्यम - आर्थिक विकास के इंजन. International Journal of Advances in Social Sciences. 2021; 9(3):150-1.
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रूचि अग्रवाल. महिलाओं के स्वामित्व वाले उद्यम - आर्थिक विकास के इंजन. International Journal of Advances in Social Sciences. 2021; 9(3):150-1. Available on: https://ijassonline.in/AbstractView.aspx?PID=2021-9-3-5
संदर्भित सूची -
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