ABSTRACT:
स्वंय सहायता समूह एक ऐसा माध्यम है जिसकी सहायता से महिलाओं ने एक नई पहचान बनाई है। इसके साथ ही स्वंय सहायता समूह ने समूह की महिलाओं को अन्य महिलाओं के साथ अपने सम्बन्धों को मजबूत करने तथा एक दूसरे की मदद करते हुए अपने लक्ष्यों को प्राप्त करने मे विशेष योगदान दिया है। अब तक हुए विभिन्न प्रकार के अध्ययन इस बात को इंगित करते है कि समूह बनने के बाद तथा इसकी सदस्य बनने के बाद महिलाओं की सामाजिक पूंजी (कल्चरल कैपिटल) में वृद्वि हुई है अतः प्रस्तुत पेपर स्वंय सहायता समूह बनने के बाद महिलाओं के जीवन मे आये परिवर्तनों को समझनें का प्रयास करेगा जोकि साक्षात्कार तथा अवलोकन पर आधारित होगा।
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शशि पाण्डेय. स्वयं सहायता समूह, लघु ऋण एवं महिला सशक्तिकरण - एक अध्ययन. Int. J. Ad. Social Sciences 4(2): April- June, 2016; Page 64-68.
Cite(Electronic):
शशि पाण्डेय. स्वयं सहायता समूह, लघु ऋण एवं महिला सशक्तिकरण - एक अध्ययन. Int. J. Ad. Social Sciences 4(2): April- June, 2016; Page 64-68. Available on: https://ijassonline.in/AbstractView.aspx?PID=2016-4-2-4