Author(s):
बृजभूषण वर्मा, रीना मजूमदार, प्रमोद यादव
Email(s):
Email ID Not Available
DOI:
10.52711/2454-2679.2025.00023
Address:
बृजभूषण वर्मा1, रीना मजूमदार2, प्रमोद यादव3
1शोधार्थी-राजनीति विज्ञान सेठ रतनचंद सुराना कला एवं वाणिज्य महाविद्यालय, दुर्ग, जिला-दुर्ग (छ.ग.)
2शोध निर्देशक, सहायक प्राध्यापक (राजनीति विज्ञान) डॉ. खूबचंद बघेल शासकीय स्नातकोत्तर महाविद्यालय, भिलाई-3, जिला-दुर्ग (छ.ग.)
3सह-शोध निर्देशक सहायक प्राध्यापक (राजनीति विज्ञान) सेठ रतनचंद सुराना कला एवं वाणिज्य महाविद्यालय, दुर्ग (छ.ग.)
*Corresponding Author
Published In:
Volume - 13,
Issue - 3,
Year - 2025
ABSTRACT:
प्रस्तुत शोध पत्र छत्तीसगढ़ राज्य की विषेष पिछड़ी जनजातियों में पंचायती राज अधिनियम के तहत राजनीतिक आरक्षण एवं राजनीतक गतिविधियों में विभिन्न प्रकार की सहभागिता ज्ञात करने का प्रयास किया गया है। षोध कार्य को पूर्ण करने का मुख्य उद्देष्य राजनीतिक गतिविधियों में बैगा की जनजाति भूमिका का अध्ययन इनकी राजनीतिक नेतृत्व की चुनौतियों को ज्ञात करना व सामाजिक-राजनीतिक नेतृत्व एवं निर्णयन है। प्राथमिक आंकड़ों पर आधारित इस षोध पत्र में उत्तरदाताओं से साक्षात्कार समंकों का संकलन किया गया है, साथ ही राज्य निर्वाचन आयोग के जिला मुख्यालय कवर्धा स्थित कार्यालय, स्थानीय समाचार-पत्रों व इंटरनेट की सहायता से द्वितीयक आंकड़ों का संकलन किया गया है। उत्तरदाताओं के चयन के लिए निदर्षन हेतु संभावित दैव निदर्षन के लॉटरी पद्धति के तहत कुल 300 बैगा उत्तरदाता जिनकी आयु 21 से 60 वर्ष के महिला-पुरूषों का समानुपातिक आधार पर किया गया है। अध्ययन के पष्चात् यह पाया गया कि बैगा जनजातियों की राजनैतिक सहभागिता एवं स्थानीय निकायों में नेतृत्व क्षमता वर्तमान समय में पूर्व की तुलना में वृद्धि दर्ज किया गया है, हालांकि अब भी इस जनजाति समुदाय को आर्थिक एवं राजनैतिक पिछड़ेपन के साथ जीवन-यापन करना पड़ा रहा है। वहीं विभिन्न षासकीय योजनाओं का लाभ नाम मात्र व जमीनी स्तर पर अत्यल्प रूप में देखने को मिल रहा है। कई शासकीय कार्यों का क्रियान्वयन भी गुणवत्ताहीन है। बैगा जनजाति समुदाय की पिछड़ेपन का प्रमुख कारण मद्यपान, अषिक्षा, रोजगार का अभाव, राजनैतिक नेतृत्व क्षमता का अभाव तथा गैर-जनजातीय द्वारा शोषण व हस्तक्षेप है।
Cite this article:
बृजभूषण वर्मा, रीना मजूमदार, प्रमोद यादव. राजनीतिक गतिविधियों में विशेष पिछड़ी बैगा जनजाति की सहभागिता. International Journal of Advances in Social Sciences. 2025; 13(3):149-6. doi: 10.52711/2454-2679.2025.00023
Cite(Electronic):
बृजभूषण वर्मा, रीना मजूमदार, प्रमोद यादव. राजनीतिक गतिविधियों में विशेष पिछड़ी बैगा जनजाति की सहभागिता. International Journal of Advances in Social Sciences. 2025; 13(3):149-6. doi: 10.52711/2454-2679.2025.00023 Available on: https://ijassonline.in/AbstractView.aspx?PID=2025-13-3-7
संदर्भ सूची:
1. छत्तीसगढ़ के अनुसूचित क्षेत्रों के प्रशासन पर राज्यपाल का प्रतिवेदन, छ.ग. षासन आदिमजाति तथा अनुसूचित जाति विकास विभाग, नया रायपुर, 2016-17, पृ. 220
2. वर्बा, एस. सिडनी एण्ड नार्मन एच. ’’पार्टीसिपेशन इन अमेरिका: पॉलिटिकल डेमोक्रेसी एण्ड सोशियल इक्वालिटी, न्युयार्क हायर एण्ड रॉ पब्लिशर्स, 1972, पृ. 223.
3. राठौर, मीना ’’भारत में राजनीतिक दल, 2003, पृ. 229.
4. सिंह, कुंवर प्रताप एवं संध्या शुक्ला ’’राजनीति में अनुसूचित जनजातियों की सहभागिता’’ इंटरनेशनल जर्नल ऑफ एडवांस रिसर्च इन सांइस, कम्युनिकेषन एण्ड टेक्नोलॉजी (IJARSCT) अंक -03, भाग - 01, फरवरी, 2023, पृ. 91-96.
5. राजपूत, उदय सिंह (2020) ’’बैगा जनजाति की परम्परागत राजनीतिक व्यवस्था एवं पेसा अधिनियमः पूर्वी मध्यप्रदेष से कुछ अनुभवजन्य साक्ष्य’’ मेकल मीमांसा, अंक- 02, वर्ष-12, जुलाई - दिसम्बर, 2020 पृ. 13-18.
6. चौरसिया, गायत्री ’’अनुसूचित जनजाति के नेतृत्व की प्रवृत्ति (रीवा जिले के ग्राम पंचायत बांसा के विषेश संदर्भ में)’’ इंटरनेशनल जर्नल ऑफ रिव्यूव एण्ड रिसर्च इन सोषल साइंस, अंक-07, भाग-02, अप्रैल- जून, 2019, पृ. 502-510.
7. तिग्गा, आनंद प्रकार ’’छत्तीसगढ़ के कबीरधाम जिले में बैगा जनजाति के विकास में पंचायती राज व्यवस्था की भूमिका: एक राजनैतिक विश्लेषण’’ अप्रकाशित शोधग्रंथ, पं. रविषंकर शुक्ल विश्वविद्यालय, रायपुर (छ.ग.), 2016.
8. प्रियंका, मार्को ’’छत्तीसगढ़ में अनुसूचित जनजाति समुदाय के विकास में आरक्षण का प्रभाव: एक अध्ययन’’ पंडित रविशंकर शुक्ल विश्वविद्यालय रायपुर (छ.ग.) 2016.
9. मस्करे, शीलावंती, ’’अनुसूति जनजाति महिलाओं के आर्थिक एवं सामाजिक विकास पर पंचायत राज का प्रभाव’’, अप्रकाषित शोध प्रबंध, डॉक्टर बी. आर. अम्बेडकर नेशनल इंस्टीटयूट ऑफ सोशल साइंस महू, मध्यप्रदेश, 2015.