Author(s): तरूण प्रताप सिंह, निधि सिंह

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DOI: 10.52711/2454-2679.2023.00023   

Address: डॉ. तरूण प्रताप सिंह1, निधि सिंह2
1प्राध्यापक एवं विभागाध्यक्ष (समाजशास्त्र), एस.जी.एस. शास महाविद्यालय, सीधी (म.प्र.)
2शोधार्थी (समाजशास्त्र), शास ठा.र.सिंह महाविद्यालय, रीवा (म.प्र.)
*Corresponding Author

Published In:   Volume - 11,      Issue - 3,     Year - 2023


ABSTRACT:
भारत गांवों का देश है। गॉवों की उन्नति और प्रगति पर ही भारत की उन्नति प्रगति निर्भर करती है। गॉधी जी ठीक कहा था कि ‘‘यदि गॉव नष्ट होते है तो भारत नष्ट हो जाएगा।’’ भारत कें संविधान-निर्माता भी इस तथ्य से भलीभांति परिचित थे। अतः हमारी स्वाधीनता को साकार करने और उसे स्थायी बनाने के लिए ग्रामीण शासन व्यवस्था की ओर पर्याप्त ध्यान दिया गया। हमारे संविधान में यह निदेश दिया गया है कि ‘‘राज्य ग्राम पंचायतों के निर्माण के लिए कदम उठाएगा और उन्हें इतनी शक्ति और अधिकार प्रदान करेगा जिससे कि वे (ग्राम पंचायत) स्वशासन की इकाई के रूप में कार्य कर सकें।’’ वस्तुतः हमारा जनतंत्र इस बुनियादी धारणा पर आधारित है कि शासन के प्रत्येक स्तर पर जनता अधिक से अधिक शासन कार्यो में हाथ बंटाए और अपने पर, राज करनेकी जिम्मेदारी स्वयं झेले। भारत में जनतंत्र का भविष्य इस बात पर निर्भर काता है कि ग्रामीण जनों का शासन से कितना अधिक प्रत्यक्ष और सजीव सम्पर्क स्थापित हो जाता है? दूसरे शब्दों में, ग्रामीण भारत के लिए पंचायती राज ही एकमात्र उपयुक्त योजना है। पंचायतें ही हमारे राष्ट्रीय जीवन की रीढ़ है। दिल्ली की संसद में कितने ही बड़े आदमी बैठें। लेकिन असल में ‘पंचायतें’ ही भारत की चाल बनाएंगी। पण्डित जवाहर लाल नेहरू ने ठीक ही कहा था कि ‘‘यदि हमारी स्वाधीनता को जनता की आवाज की प्रतिध्वनि बनना है तो पंचायतों को जितनी अधिक शक्ति मिले, जनता के लिए उतनी ही भली है।


Cite this article:
तरूण प्रताप सिंह, निधि सिंह. पंचायतीराज व्यवस्था में महिलाओं पर वैश्वीकरण का प्रभाव. International Journal of Advances in Social Sciences. 2023; 11(3):147-6. doi: 10.52711/2454-2679.2023.00023

Cite(Electronic):
तरूण प्रताप सिंह, निधि सिंह. पंचायतीराज व्यवस्था में महिलाओं पर वैश्वीकरण का प्रभाव. International Journal of Advances in Social Sciences. 2023; 11(3):147-6. doi: 10.52711/2454-2679.2023.00023   Available on: https://ijassonline.in/AbstractView.aspx?PID=2023-11-3-4


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