Author(s): शैलेन्द्र कुमार ठाकुर

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DOI: 10.52711/2454-2679.2025.00019   

Address: शैलेन्द्र कुमार ठाकुर
सहायक प्रध्यापक] हिन्दी डॉ. खूबचंद बघेल शासकीय स्नातकोत्तर महाविद्यालय भिलाई - 3 दुर्ग ।
*Corresponding Author

Published In:   Volume - 13,      Issue - 3,     Year - 2025


ABSTRACT:
भारतीय साहित्य में राष्ट्रवाद का अभ्युदय ऋग्वेद से लेकर अथर्ववेद एवं वाल्मीकि रामायण में भी राष्ट्रीय भावधारा का प्रवाह देखने को मिलता है। अंग्रेजों से पूर्व रीतिकालीन साहित्य में भी राष्ट्रीय भावधारा के कवि भूषण ने राष्ट्रीय विचारधारा की रचनाये की। गुलामी के दौर में भारतीय समाज को जगाने के लिए भारतेंन्दु हरिश्चन्द्र ने जिस तरह से साहित्य के माध्यम से समाज को जगाया वह पुनर्जागरण का काल माना जाता है। तदुपरान्त मैथिलीशरण गुप्त, माखन लाल चतुर्वेदी, डॉ. रामधारी सिंह दिनकर, सोहन लाल द्विवेदी, सुभद्राकुमारी चौहान, रामनरेश त्रिपाठी जैसे राष्ट्रीय विचारधारा के कवियों ने सांस्कृतिक राष्ट्रवाद एवं धर्म ध्वजा को फहराने वाली राष्ट्रीय काव्य धारा का सृजन किया जिसका प्रभाव राजनीति एवं भारतीय समाज पर व्यापक रूप से पड़ा। हिन्दी साहित्य में राष्ट्रीय भावधारा का प्रचार दक्षिण के सुब्रमण्यम भारती ने भी व्यापक रूप से किया। वास्तव में देखा जाय तो राष्ट्र एवं राष्ट्रीयता का भाव दिलो दिमाग को जोड़ते हुए गुलामी के जंजीर को तोड़ने के लिए सबसे बड़ा मंत्र था।


Cite this article:
शैलेन्द्र कुमार ठाकुर. हिन्दी साहित्य के कवियों की राष्ट्रीय भावना. International Journal of Advances in Social Sciences. 2025; 13(3):119-4. doi: 10.52711/2454-2679.2025.00019

Cite(Electronic):
शैलेन्द्र कुमार ठाकुर. हिन्दी साहित्य के कवियों की राष्ट्रीय भावना. International Journal of Advances in Social Sciences. 2025; 13(3):119-4. doi: 10.52711/2454-2679.2025.00019   Available on: https://ijassonline.in/AbstractView.aspx?PID=2025-13-3-3


संदर्भ ग्रन्थ:-

1.    भारतेन्दु हरिश्चन्द - भारत दुर्दशा, शुभम पब्लिकेशन, कानपुर प्रथम संस्करण पृ.123

2.    जय शंकर प्रसाद - समुद्रगुप्त नाटक से

3.    ऋग्वेद 9/23 मंडल से

4.    अथर्ववेद 12/1/12 मंडल से

5.    वाल्मीकि रामायण से

6.    स्कंदगुप्त नाटक - जय शंकर प्रसाद

7.    सूर्यकान्त त्रिपाठी निराला - जागो फिर एक बार

8.    भारतेन्दु हरिशचन्द - भारत दुर्दशा

9.    मैथिलीशरण गुप्त की रचना - भारत भारती

10.  वही - भारत भारती

11.  माखन लाल चतुर्वेदी

12.  सुब्रमण्यम भारती की रचना

13.  वही सुब्रमण्यम भारती की रचना

14.  राष्ट्र कवि दिनकर की रचना हॅुकार से

15.  दिनकर की रचना हॅुकार से पृ. 22-23

16.  दिनकर-रेणुका पृ.9

17.  समाधेनी रेणुका दिनकर

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