ABSTRACT:
खनिज पदार्थ किसी भी देष की वह प्रकृति प्रदत्त संचित निधि है जो उद्योग धन्धों, यातायात के साधनों एवं अन्य विकास कार्यों की आधारषीला निर्मित करती हैं। दुनियाभर में आधुनिक षहरीकरण, औद्योगीकरण, परिवहन और संचार प्रणाली का विकास स्थायी खनिज संसाधन और विभिन्न क्षेत्रों में उनके उचित उपयोग की उपलब्धियां हैं। सतत् खनिज संसाधनों ने आधुनिक सभ्य औद्योगिक विष्व को आकार देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है और अब भी निभा रही है। इसका मतलब यह है कि किसी भी देष का सतत् सामाजिक-आर्थिक मुलभूत संरचना प्राकृतिक संसाधनों में इसकी समृद्धि, इसकी तकनीकी जानकारी, खनिज संसाधनों का पता लगाने और दोहन करने की क्षमता और अंत में राष्ट्र की विकास गतिविधियों में उन संसाधनों का उचित उपयोग करने में उनकी समझदारी का संकेत है। विकास गतिविधियों में विकासषील देष आमतौर पर विकसित देषों की तुलना में बहुत पीछे हैं। यह मुख्य रूप से प्राकृतिक संसाधनों की कमी, समुचित षिक्षित मानव संसाधनों और सुदृढ़ सामाजिक-आर्थिक स्थितियों के अभाव के कारण है। एक स्थायी और मजबूत समाज की दिषा में प्रगति केे लिए छत्तीसगढ़ जैसे प्रदेष को अपने मौजूदा खनिज संसाधनों के विकास को प्राथमिकता देनी चाहिए, जो प्रदेष के सामाजिक-आर्थिक बुनियादी ढ़ांचे को आकार देने में प्रमुख भूमिका निभा सकती है।
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भारती सिंह कुमेटी, सुनील कुमार कुमेटी. छत्तीसगढ़ में खनिज संसाधनों का सकल राज्य घरेलू उत्पाद में योगदान. International Journal of Advances in Social Sciences. 2022; 10(2):91-6.
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भारती सिंह कुमेटी, सुनील कुमार कुमेटी. छत्तीसगढ़ में खनिज संसाधनों का सकल राज्य घरेलू उत्पाद में योगदान. International Journal of Advances in Social Sciences. 2022; 10(2):91-6. Available on: https://ijassonline.in/AbstractView.aspx?PID=2022-10-2-7
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