Author(s): पुष्पराज कुमारी पाण्डेय

Email(s): Email ID Not Available

DOI: Not Available

Address: पुष्पराज कुमारी पाण्डेय
अतिथि विद्वान (वाणिज्य), शास. कन्या स्नातकोत्तर महाविद्यालय, सतना (म.प्र.).
*Corresponding Author

Published In:   Volume - 8,      Issue - 4,     Year - 2020


ABSTRACT:
भारत की विकासषील अर्थव्यवस्था में आयुर्वेद औषधि निर्माणी उद्योग का अद्वितीय स्थान है। भारत में उद्योग आज से हजारो वर्ष पूर्व अत्याधिक विकसित अवस्था में था तथा इनके व्दारा निर्मित माल (जड़ी-बुटिया) विष्व के सभी देषो में बड़े आदर के साथ एक स्थान से दूसरे स्थान तक प्राप्त हुआ करती थी परन्तु अंग्रेजी षासन में विदेषी सरकार की स्वार्थ पूर्ण नीति के कारण इनका बहुत अधिक पतन हुआ भारतीय कारीगरों एवं दस्तकारों ने सभी प्रकार के कठिनाइयों के बावजूद भी अनेक प्रकार के ज्ञानों की प्रचीन उद्योगो को जीवित रखा। स्वतंत्रता प्राप्ति के बाद हमारी सरकार का यह प्रयत्न रहा है कि देष के औषधी उद्योगों का बड़े उद्योगो के साथ समन्वित विकास हो। आयुर्वेदिक औषधि निर्माणी उद्योग के वित्तीय प्रबंध में सबसे बड़ी समस्या वित्तीय आवश्यकताओं की पूर्ति के लिये नवीन वित्त की प्राप्ती है। उद्योग के वित्त प्रबंध के पास नवीन वित्त प्राप्त करने के लिए अनेक साधन होते हैं जैसे समता अंषपूंजी, पूर्वाधिकारी अंषपूंजी, ऋणपूंजी (ऋण पत्र), मध्यकालीन ऋण तथा अल्पकालीन ऋण उद्योगों द्वारा इन साधनों में सामंजस्य स्थापित करते हुए सर्वोत्तम साधन का प्रयोग कर नवीन वित्त की प्राप्ति की जाती है। और वित्तीय आवष्यकताओं को पूरा किया जाता है। आयुर्वेद उद्योगों द्वारा पूर्वाधिकार अंषों के निर्गमन में किसी भी प्रकार की रुचि नही दिखाई गई है। साथ ही पिछले दस वर्षो में नये समता अंशों के निर्गमन पर भी ज्यादा ध्यान नही दिया गया।


Cite this article:
पुष्पराज कुमारी पाण्डेय. मध्यप्रदेश में आयुर्वेद औषधि निर्माणी उद्योगों की वित्त-व्यवस्था (सतना जिले के विषेष संदर्भ में). Int. J. Ad. Social Sciences. 2020; 8(4):181-186.

Cite(Electronic):
पुष्पराज कुमारी पाण्डेय. मध्यप्रदेश में आयुर्वेद औषधि निर्माणी उद्योगों की वित्त-व्यवस्था (सतना जिले के विषेष संदर्भ में). Int. J. Ad. Social Sciences. 2020; 8(4):181-186.   Available on: https://ijassonline.in/AbstractView.aspx?PID=2020-8-4-10


संदर्भ ग्रंथ सूचीः-
1ण्    जैन, डाॅ. एम. के., अध्ययन विधियाँ, यूनिवर्सिटी पब्लिकेशन नई दिल्ली, 2006
2ण्    बी. सी. सिन्हा, भारतीय अर्थव्यवस्था, साहित्य भवन पब्लिसर्स एण्ड डिस्ट्रीब्यूट्स, 2012-08
3ण्    प्रो. विजेन्द्रपाल सिंह, कृषि अर्थशास्त्र, नवयुग साहित्य सदन, 2010
4ण्    वित्तीय कार्य एवं महत्व, डा. चतुर्भुज मेमोरिया, साहित्य भवन आगरा, 2009
5ण्    चरक संहिता, आयुर्वेद दीपिका टीका, चक्रपाणिकृत, चैखम्भा संस्कृत संस्थान वाराणसी, 2001
6ण्    वित्तीय संस्थाओं की वित्त सहायता, जैन खण्डेलवाल पारिक, रमेश बुक डिपो, जयपुर, 2012
7ण्    शुक्ला डाॅ. अखिलेश, रीवा दर्शन, गायत्री पब्लिकेशन सतना, 2012
8ण्    डा. विद्याधर शुक्ल एवं डा. रविदत्त त्रिपाठी, आयुर्वेद का परिचय, संभागीय कार्यालय, सतना, रेल्वे स्टेशन के पास सतना, 2014
9ण्    मिश्रा एवं पुरी, भारतीय अर्थव्यवस्था, रामप्रसाद एण्ड संस, 2002-03
10ण्    डाॅ. चतुर्भुज मामोरिया, भारत की आर्थिक समस्याएँ, साहित्य भवन पब्लिशर्स एण्ड डिस्ट्रीब्यूट्स, 2012-08
11ण्    डाॅ. चन्द्रप्रकाष दुबे, आरोग्य विज्ञान तथा जनस्वास्थ्य, नाथपुस्तक भंडार रेलवे, रोड रोहतक, 2003
12ण्    औद्योगिक रुग्णता, डा. ठक्कुर आर.डी (प्राचार्य) शास..आयुर्वेद महाविद्यालय, निपनिया, सतना 2011
13ण्    लघु उद्योग, जिला व्यापार उद्योग केन्द्र,, सतना, 2013
14ण्    डाॅ. लक्ष्मीधर द्विवेदी, आयुर्वेद के मूल सिंद्धांत एवं उनकी उपादेयता प्रथम भाग, चैखम्भा कृश्णदास अकादमी, वाराणसी, तृतीय 2010
15.    K Sembulingam Prema Sembulingam, Essential of Medical Physiology, Jaypee Brothers Medical Publishers Ltd. New Delhi, Fourth Edition 2012.

Recomonded Articles:

Author(s): केदार कुमार, अष्विनी महाजन

DOI:         Access: Open Access Read More

Author(s): भारती सिंह, राधा पाण्डेय

DOI:         Access: Open Access Read More

Author(s): कविता सिलवाल, पदमा सोमनाथे

DOI:         Access: Open Access Read More

Author(s): अर्चना सेठी

DOI:         Access: Open Access Read More

International Journal of Advances in Social Sciences (IJASS) is an international, peer-reviewed journal, correspondence in the fields....... Read more >>>

RNI:                      
DOI:  

Popular Articles


Recent Articles




Tags