ABSTRACT:
प्रस्तुत अध्ययन सरगुजा जिले में ग्रामीण शिशु मत्र्यता से संबंधित है। यह अध्ययन प्राथमिक आंकडो पर आधारित है। प्रस्तुत अध्ययन का उद्देष्य जिले में ग्रामीण शिशु मत्र्यता एवं उसको प्रभावित करने वाले प्राप्त जनसुविधाओं का विष्लेषण करना है। अध्ययन हेतु जिले से 38 ग्रामों का प्रतिचयन यादृच्छिक विधि के द्वारा किया गया है। इस हेतु दो प्रकार की अनुसूची का प्रयोग किया गया है। प्रथम पारिवारिक और द्वितीय व्यक्तिगत अनुसूची। व्यक्तिगत अनुसूची द्वारा 38 ग्रामों की 2691 विवाहित महिलाओं से सूचना एकत्र किया गया, जिन्होंने सर्वेक्षण के एक वर्ष के अन्दर शिशु को जन्म दिया हो अथवा जिनकी एक वर्ष से कम उम्र के शिशु की मृत्यु अथवा मृत जन्म हुआ है। जिले में शिशुु मत्र्यता दर 71.3 प्रति हजार है। जिले में शिशु मत्र्यता दर बालकों में 72.0 प्रति हजार तथा बालिकाओं में 65.4 प्रति हजार है। परिजन्म मत्र्यता दर 22.3 प्रति हजार, नवजात मत्र्यता दर 33.9 प्रति हजार तथा नवजातोत्तर मत्र्यता दर 37.4 प्रति हजार है। प्रस्तुत शोध पत्र में ग्रामिण स्तर पर प्राप्त जनसुविधाएँ-चिकित्सा सुविधा, शैक्षणिक सुविधा, निकटतम नगर से ग्रामों की दूरी, यातायात की सुविधा, दवाई-दुकान एवं बाजार की सुविधा आदि को शामिल किया गया है। जिले के उपर्युक्त सुविधा युक्त गांवों की तुलना में उपर्युक्त सुविधाएं नहीं वाले गावों में शिशु मत्र्यता अधिक है। अतः ग्रामिण स्तर पर प्राप्त जनसुविधाएँ शिशु मत्र्यता दर को प्रभावित करने वाला प्रमुख कारक ळें
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टिके सिंह. सरगुजा जिले में ग्रामिण स्तर पर प्राप्त जनसुविधाएँ एवं ग्रामीण शिशु मत्र्यता: एक भौगोलिक विश्लेषण. Int. J. Ad. Social Sciences. 2017; 5(4):269-277.
Cite(Electronic):
टिके सिंह. सरगुजा जिले में ग्रामिण स्तर पर प्राप्त जनसुविधाएँ एवं ग्रामीण शिशु मत्र्यता: एक भौगोलिक विश्लेषण. Int. J. Ad. Social Sciences. 2017; 5(4):269-277. Available on: https://ijassonline.in/AbstractView.aspx?PID=2017-5-4-14