Author(s): अर्चना त्रिपाठी, के.एस. गुरूपंच

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Address: अर्चना त्रिपाठी1, डाॅ के.एस. गुरूपंच2
1सहायक प्राध्यापक, एम.जे. काँलेज भिलाई
2प्राचार्य, एम.जे. काँलेज भिलाई
*Corresponding Author

Published In:   Volume - 4,      Issue - 4,     Year - 2016


ABSTRACT:
आज का युग औद्योगिक विकास का युग है, मानवीय आवष्यकताओं में निरंतर वृद्धि होती जा रही है। उद्योगों ने पारिवारिक, वैवाहिक तथा सामुदायिक जीवन को निष्चित रूप से प्रभावित किया है। आज के समय में (काॅलेजो में) विद्यार्थियों की संख्या सीमित होने के कारण उद्योंगो के लिए कर्मचारी चयन एक समस्या बन गई है। इन समस्याओं को देखते हुए वर्तमान समय में यह आवष्यकता हो गया है, कि उसे ऐसे कर्मचारी के लिए नियुक्त किया जाय जो उचित क्षमता रखते हो। इस समस्या के समाधान के लिए परीक्षाओं का आयोजन किया जाता है। ऐसी परिस्थिति में निष्चिय रूप से शिक्षा का उद्देष्य प्रतियोगिता के लिए अच्छे विद्यार्थी तैयार करना है। वैज्ञानिक अभिक्षमता विज्ञान क्षेत्र या समूह में व्यक्ति के कार्य कुषलता की विषिश्ट योग्यता अथवा विषिश्ट क्षमता है। बालक के विकास एवं व्यक्ति की वैज्ञानिक सफलता में षिक्षक, माता-पिता, अभिभावक आदि लोग यदि वैज्ञानिक अभिक्षमता के महत्व को समझ सकें तो बालक के समुचित विकास हेतु उपयुक्त पर्यावरण तैयार किया जा सकता है।


Cite this article:
अर्चना त्रिपाठी, के.एस. गुरूपंच. कक्षा दसवी के विद्यार्थियों के वैज्ञानिक अभिक्षमता पर एक अध्ययन. Int. J. Ad. Social Sciences. 2016; 4(4):212-215.

Cite(Electronic):
अर्चना त्रिपाठी, के.एस. गुरूपंच. कक्षा दसवी के विद्यार्थियों के वैज्ञानिक अभिक्षमता पर एक अध्ययन. Int. J. Ad. Social Sciences. 2016; 4(4):212-215.   Available on: https://ijassonline.in/AbstractView.aspx?PID=2016-4-4-9


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