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प्रतिमा बनर्जी, ज्योति मिश्रा
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डाॅ. प्रतिमा बनर्जी1, ज्योति मिश्रा2
1प्राध्यापक (वाणिज्य), शा. स्वशासी स्नातकोत्तर महाविद्यालय सतना (म.प्र.)
2शोधार्थी (वाणिज्य), शा. टी.आर.एस. महाविद्यालय रीवा (म.प्र.)
*Corresponding Author
Published In:
Volume - 10,
Issue - 4,
Year - 2022
ABSTRACT:
कृषि सम्पूर्ण विश्व का प्रमुख कार्य है। जिसमे से भारत कृषि प्रधान देश है। हमारे देश की जनसंख्या का लगभग 70 प्रतिशत भाग कृषि कार्य पर निर्भर है। अतः यहा पर कृषि का विकास अति आवश्यक है। भारत देश मे कई उद्योगो का आधार कृषि है। उत्पादन के इस प्राथमिक क्षेत्र से राष्ट्रीय आय का एक बड़ा हिस्सा प्राप्त किया जाता है। परन्तु हमारे देश में कृषि से संबंधित कई समस्याए भी है जिस कृषि क्षेत्र अत्याधिक प्रभावित करती है। भारत मंे कृषि-उत्पादिता के निम्न स्तरीय होने के कई तकनीकी एवं संस्थागत कारण सर्वविदित है। औद्योगिक विकास कृषि अतिरिको की मांग है, और विकृत खाद्यान्न अतिरिको का सृजन व वृद्धि तभी हो सकती है, जबकि कृषि उत्पादन की इकाईया संगठित हो व बड़े आकार में उनका आगत-निर्गत किया जा सके। रीवा जिले में कृषि क्षेत्र में रूपांतरण प्रक्रिया का अत्याधिक महत्व है, क्योंकि जिले में परंपरागत कृषि व्यवस्था को परिवर्तित कर आधुनिक कृषि व्यवस्था में लाना जिले के लिए आवश्यक कदम होगा। इस रूपांतरण के कारण कृषको द्वारा कम श्रम, कम समय में अधिक उत्पादन संभव होगा और इस प्रक्रिया के माध्यम से कृषको की आर्थिक स्थिति में भी सुधार आयेगा। जब कृषको की आर्थिक स्थिति में सुधार होगा तो कृषको की कृषि के प्रति रूचि एवं आत्म विश्वास में वृद्धि होगा। जिसका सीधा प्रभाव जिले के विकास एवं कृषि क्षेत्र से प्राप्त होने वाला आय पर पड़ेगा।
Cite this article:
प्रतिमा बनर्जी, ज्योति मिश्रा. रीवा जिले में कृषि रूपान्तरण प्रक्रिया का आर्थिक विश्लेषण. International Journal of Advances in Social Sciences. 2022; 10(4):175-0.
Cite(Electronic):
प्रतिमा बनर्जी, ज्योति मिश्रा. रीवा जिले में कृषि रूपान्तरण प्रक्रिया का आर्थिक विश्लेषण. International Journal of Advances in Social Sciences. 2022; 10(4):175-0. Available on: https://ijassonline.in/AbstractView.aspx?PID=2022-10-4-5
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