ABSTRACT:
बांधवगढ़ मध्यप्रदेश के शहडोल जिले में 20॰36‘ से 23॰42‘ उŸारी अक्षांश एवं 80॰57‘ से 81॰6‘ पूर्वी देशांतर के बीच विन्ध्याचल की कणष्मीय चट्टानों पर छोटी-बड़ी 32 पहाड़ियों से घिरा नर्मदा नदी के उŸार एवं सोन नदी के जलग्रहण क्षेत्र में स्थित है। इस क्षेत्र में मुख्य रूप से बैगा, कोल, गोड़, पनिका, खैरवार आदि जनजातियां निवास करती हैं। बांधवगढ़ का वन नम उष्ण डेसीडुअस प्रकार का है। प्रस्तुत शोध पत्र में शोधकर्ताओं ने इस क्षेत्र के बैगा जनजाति द्वारा औषधि के रूप में उपयोग किये जाने वाले कुछ महत्वपूर्ण पुष्पीय पौधों और उनके अंगों की जानकारीयां एवं उनके संरक्षण के संबन्ध में विचार दिये जाते हैं। सामान्य बीमारियों जैसे दर्द, बुखार, घाव, सर्दी, खांसी, दस्त, सूजन आदि रोगों के उपचार के लिए अनेक पौधे बैगा जनजाति द्वारा उपयोग में लाये जाते हैं। लेकिन कुछ महत्वपूर्ण बीमारियों के उपचार हेतु कुछ पौधों का ही उपयोग किया जाता है। जैसे - गर्भपात हेतु घुंघची/रती (एब्रस प्रिकैटोरिअस), तपेदिक हेतु बज्रदन्ती (बाउलेरिया प्रिओनिटिस), बवासीर हेतु ब्लूमिया (ब्लूमिया लैसेरा), कुष्ठ रोग हेतु चिरचिरा (एकाइरेन्थस एसपेरा), कैन्सर हेतु सफेद अरन्ड (जैट्रोफा क्यूरकस), सर्पदंश हेतु दुधबेल (परगुलेरिया डैइमिया), डाइबिटीज हेतु बीजा (टेरोकापस मारसूपियम), कान के दर्द हेतु रमतिला (गूइजोटिया एबीसिनिका), सिफलिस एवं गोनोरिया हेतु सेमल (बाम्बबैक्स सीबा) आदि। इनमें से बहुत से पौधे अत्याधिक उपयोग के कारण इस प्राकृतिक स्त्रोत से धीरे-धीरे कम हो रहे हैं या समाप्त हो रहे हैं। इसलिये आवश्यक है कि इन क्षेत्रों में ऐसे पौधों का रोपण किया जाय जिससेे कि जनजातियां एवं जनसामान्य के उपयोग हेतु औषधि मिल सके। इन पौधे के जर्मप्लाज्म का परिरक्षित करना, पौधों के अंगों का रासायनिक विश्लेषण करके विभिन्न अंगों का रोगों के प्रति दक्षता का पता लगाना तथा महत्वपूर्ण पौधों का संरक्षण करना अन्य आवश्यक पहलू हैं।
Cite this article:
स्कंद मिश्रा. मध्यप्रदेश के बैगा जनजाति द्वारा उपयोगी महत्वपूर्ण औषधीय वनस्पतियों का संरक्षण: बाधंवगढ़ के संदर्भ में. Int. J. Ad. Social Sciences. 2017; 5(3):145-147.
Cite(Electronic):
स्कंद मिश्रा. मध्यप्रदेश के बैगा जनजाति द्वारा उपयोगी महत्वपूर्ण औषधीय वनस्पतियों का संरक्षण: बाधंवगढ़ के संदर्भ में. Int. J. Ad. Social Sciences. 2017; 5(3):145-147. Available on: https://ijassonline.in/AbstractView.aspx?PID=2017-5-3-5