ABSTRACT:
सहितस्य च साहित्य की बातें साहित्यकारों ने की है। साहित्य को समझने बूूझने की वास्तविक शक्ति मनुष्य की ही होती है। क्योंकि मनुष्य के पास भाषा है, अभिव्यक्ति के लिए चिन्तनीय अवस्था है, साधन है प्रेस है। उसके पास अभिव्यक्ति की आजादी है। यह पशु या अन्य जीवो में नहीं है। साहित्य का मानव जीवन से घनिष्ट संबंध है। साहित्य में ही मानवीय मूल्यों के साथ ही उसकी संवेदनाओं के बारे में अभिव्यक्ति मिलती है। भारतीय काव्य साहित्य कविता को आनंद सच्चिदानंद प्राप्ति का एक समग्र साधन माना जाता है। जाबकि पाश्चात्य दर्शन में इसे त्रासदी माना गया है। भारतीय साहित्य में काव्य को अत्यधिक महत्व दिया गया है। कविता के माध्यम से आद्यकवि वाल्मीकि ने अपनी मनोभावनाओं को अभिव्यक्त किया है।
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शैलेन्द्र कुमार ठाकुर. छत्तीसगढ़ के समकालीन कवियों के काव्य में चेतना का स्वरूप. International Journal of Advances in Social Sciences. 2024; 12(1):30-6. doi: 10.52711/2454-2679.2024.00007
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शैलेन्द्र कुमार ठाकुर. छत्तीसगढ़ के समकालीन कवियों के काव्य में चेतना का स्वरूप. International Journal of Advances in Social Sciences. 2024; 12(1):30-6. doi: 10.52711/2454-2679.2024.00007 Available on: https://ijassonline.in/AbstractView.aspx?PID=2024-12-1-7
सन्दर्भ सूची:-
1- राजपाल हुकुमचंद (संपादक) समकालीन बोध और धूमिल का काव्य
2- सिंह शिश्वप्रसाद कल्पना नवलेखन विशेषांक संपादकीय अगस्त-सितम्बर 1969
3- राय श्रीपद विकल्प कथा साहित्य विशेषांक समकालीन कहानी में नयी संवेदना
4- श्रीवास्तव परमानंद कल्पना पत्रिका, पृ. क्र. 14
5- मैनेजर पाण्डेय अनमैंसॉंचा पृ. क्र. 2
6- उपाध्याय विश्वम्भरनाथ उपाध्याय - समकालीन सिद्धांत और साहित्य पृ. क्र. 14
7- कबीर साखी सं. जयदेव सिंह पृ. क्र. 80
8- पहल 37, सं. ज्ञानरंजन पृ. क्र. 30
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10- प्रतिनिधि कविताएॅं, सर्वेश्वर दयाल सक्सेना, 11, पृ. क्र. 146
11- डॉ. तिवारी विश्वनाथ प्रसाद समकालीन हिन्दी कविता पृ. क्र. 62
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13- डॉ. तिवारी विश्वनाथ प्रसाद समकालीन हिन्दी कविता राज कमल प्रकाशन, नयी दिल्ली, प्रथम संस्करण 1982 पृ. क्र. 199
14- जप्रकाश मानस, छत्तीसगढ़ के कवि विभा प्रकाशन पृ. क्र. 75
15- बसंत त्रिपाठी, छत्तीसगढ़ के कवि विभा प्रकाशन पृ. क्र. 118
16- शिव शैलेन्द्र, समर शेष है साथी, वैभव प्रकाशन कविता सच का सूरज पृ. क्र. 41
17- शिव शैलेन्द्र कविता - नया विहान समर शेष है साथ पृ. क्र. 52 वैभव प्रकाशन
18- अल्पना त्रिपाठी फेस बुक (छत्तीसगढ़ के युवा कवियों समकालीन काव्य का स्वरूप) रिसर्च जनरल ऑफ आटर््स 2021 मार्च पृ. क्र. 91
19- श्री रंग, छत्तीसगढ़ के समकालीन कवि इलाहाबाद द्वितीय संस्करण एकान्त श्रीवास्तव पृ0 47
20- शर्मा विनोद - धरती कभी बॉंझ नहीं होती पृ. क्र. 64
21- वही (धरती कभी बॉझ नहीं होती) अरूणाचल में पृ. क्र. 44