Author(s): अभिषेक दूबे

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Address: अभिषेक दूबे
संत गहिरा गुरू विष्वविद्यायल, अम्बिकापुर, सरगुजा समाजषास्त्र विभाग, छत्तीसगढ़.
*Corresponding Author

Published In:   Volume - 10,      Issue - 3,     Year - 2022


ABSTRACT:
वैष्वीकरण के इस युग में मानव समाज की प्रगति व विकास का मुख्य आधार आर्थिक गतिविधियाँ है। आर्थिक विकास की यह सीमा मानव के षारीरिक-मानसिक क्षमता पर आधारित श्रम पर निर्भर करता है। मनुष्य स्वंय की आवष्यकता व जरुरतों को पुर्ण करने के लिए विभिन्न प्रकार के क्रियाकलापो को सम्पन्न कर अपना एवं अपने राष्ट्र के विकास मे महत्वर्पूण योगदान करता है। श्रम का यह स्वरुप मानव विकास के ऐतिहासिक कालों से निरन्तर चलता आ रहा है। जिसमे समयानुकुल विभिन्न प्रकार के परिवर्तन हुए है। वर्तमान औद्योगिक-प्रौद्योगिक युग मे निरन्तर बढ़ती जनसंख्या की अवष्यकताओं को पूर्ण करने के लिए बडे़-बडे़ उद्योग-कारखाने व तकनीक आधारित मषीनो का चलन बढ़ गया है। जिसमे विभिन्न प्रकार कौषलो व क्षमताओं से सम्पन्न श्रमिको की माँग बढ़ गयी है। जिससे श्रमिक व श्रम दोनो के मुल्य मे वृद्धि होने लगा है। जिसके कारण समाज में कुछ लोग सस्ते व समान्य श्रमिकों के रुप मे बालकों को भी कार्यो पर नियोजित करने लगें, ऐसे ही बालक जो एक निष्चित या निर्धारित आयु से पुर्व आर्थिक गतिविधियों मे नियोजित कर दियें जाते है उन्हे बाल श्रमिक के रुप मे जाना जाता है। यह बल श्रम मुख्यतः दो स्वरुपो में चिन्हित किया जाता है। प्रथम उम्र के आधार पर, द्वितिय कार्य दषाओं के आधार पर बाल श्रम। प्रस्तुत शोध पत्र अम्बिकापुर क्षेत्र मे बाल श्रमिको से सम्बन्धित क्या चुनौतियों व समस्या है तथा ऐसी चुनैातियों एवं समस्या के प्रति जन-जागरूकता की अवश्यकताओ का विश्लेषण किया गया है। जिसमे दैव निदर्शन विधि का प्रयोग किया गया है षोध सर्वेक्षण में अम्बिकापुर के शहरी एवं ग्रामीण क्षेत्रो के 50-50 लोगों के साथ जो विभिन्न आर्थिक व्यवसायिक गतिविधियों में संलग्न हो तथा शिक्षित हो, उनके साथ प्रत्यक्ष रूप से साक्षात्कार कर अनुसूची को भरा गया है। तथा लोगों से परिचर्चा कर तथ्यों को एकत्रित किया गया है। प्रस्तुत अध्ययन मे बाल श्रामिको के प्रति लोगों में जागरूकता के साथ बाल अधिकारों एवं उनके विकास के विभिन्न आयामो के प्रति लोगो मे जागरूकता का विश्लेषण किया गया है।


Cite this article:
अभिषेक दूबे. बालश्रम और जन जागरूकता (अम्बिकापुर के विषेष संन्दभ में). International Journal of Advances in Social Sciences. 2022; 10(3):118-4.

Cite(Electronic):
अभिषेक दूबे. बालश्रम और जन जागरूकता (अम्बिकापुर के विषेष संन्दभ में). International Journal of Advances in Social Sciences. 2022; 10(3):118-4.   Available on: https://ijassonline.in/AbstractView.aspx?PID=2022-10-3-3


सन्दर्भ ग्रन्थ सूची
1.       दशोरा, मनोज कुमार - ‘‘बाल श्रमिक समस्या एवं समाधान‘‘- हिमांशु पब्लिकेशन उदयपुर 2006
2.       कुमार, डॉ विनोद - “अनुसूचित जाति के बालश्रमिक’’ कला प्रकाशन-वाराणसी 2008
3.       शर्मा, सुभाष - भारत मे ंबाल मजदूरी प्रकाशन संस्थान - नई दिल्ली 2007
4.       अग्रवाल, उमेश चन्द -     “बालश्रम - चुनौतियोें एवं समाधान कुरूक्षेत्र, मई 2004, गा्रमीण विकास मंत्रालय नई दिल्ली
5.       अग्रवाल, उमेश - “बालश्रम की विभिषिका‘‘ कुरूक्षेत्र 1 नवम्बर 2006 ग्रामीण विकास मंत्रालय-नई दिल्ली ।
6.       बाल अधिकारों पर संयुक्त राष्ट्र अभिसमय - 1989
7.       बाल श्रम (प्रतिषेध और विनियमन) अधिनियम - 1986

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