ABSTRACT:
रसलीन रीतिकालीन कवि है। रीति एक परंपरा का नाम है। जिसके अंतर्गत श्रृंगार रस प्रधान रस के रूप में है। श्रृंगार रस वर्णन की परंपरा प्राकृत काव्य से होती हुई आदिकाल में आती है। आदिकाल के पश्चात वह भक्तिकाल के काव्य में निगर्मित होती है।
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रामरतन चैधरी. रसलीन और श्रृंगार रस. International Journal of Advances in Social Sciences. 2021; 9(3):142-5.
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रामरतन चैधरी. रसलीन और श्रृंगार रस. International Journal of Advances in Social Sciences. 2021; 9(3):142-5. Available on: https://ijassonline.in/AbstractView.aspx?PID=2021-9-3-3
सन्दर्भ ग्रन्थ सूची
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