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दीप्ति गोस्वामी, आभा तिवारी
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श्रीमती दीप्ति गोस्वामी1, डाॅ. आभा तिवारी2
1शोधार्थी, दूधाधारी बजरंग महिला स्नातकोत्तर महाविद्यालय, रायपुर (छत्तीसगढ़)
2प्राचार्य, शासकीय चन्द्रपाल डडसेना महाविद्यालय, पिथौरा (छत्तीसगढ़)
Published In:
Volume - 4,
Issue - 3,
Year - 2016
ABSTRACT:
शिवशंकर पटनायक छत्तीसगढ़ के उन गिने चुने साहित्याकारों में से है, जिनके साहित्य में समाज के प्रति सजगता दिखाई देती है। पटनायक जी के उपन्यासों की पृष्ठभूमि भले ही पुरातन परिदृश्य को अंकित करती है, पर उस पुरातन में छिपा नवीनता का संकेत चिंतन को नया आयाम प्रदान करता है। उन्होनें अपने उपन्यासों की पृष्ठभूमि महाभारत से ली है, पर उनमें संदर्भ आज के हंै, समस्यायें और इन समस्याओं के समाधान के सूत्र संकेत इनके उपन्यासों को एक बड़ा पाठक वर्ग प्रदान करते हंै। आलोच्य उपन्यास एकलव्य की कथावस्तु महाभारत कालीन है, इस कथा के माध्यम से लेखक ने जिन प्रसंगो को उठाया है वे आज भी प्रासंगिक हंै। चाहे शिक्षा का प्रश्न हो या नारी अस्मिता का प्रश्न, ये कुछ ऐसे बिन्दु हैं जो आज भी अपनी पूर्णता की तलाश कर रहे हैं नारी सम्मान का प्रश्न पहले भी विद्यमान था और आज भी है।
Cite this article:
दीप्ति गोस्वामी, आभा तिवारी. एकलव्य: आधुनिक संदर्भ में. Int. J. Ad. Social Sciences 4(3): July- Sept., 2016; Page 139-142
Cite(Electronic):
दीप्ति गोस्वामी, आभा तिवारी. एकलव्य: आधुनिक संदर्भ में. Int. J. Ad. Social Sciences 4(3): July- Sept., 2016; Page 139-142 Available on: https://ijassonline.in/AbstractView.aspx?PID=2016-4-3-2