ABSTRACT:
यह एक वर्तमान तकनीकि का अपराध है जो सूचना तकनीकी के द्वारा मानव मस्तिष्क का एक आपराधिक कृत्य प्रस्तुत करता है। जो अपराध की नई स्पीसीज है, इस प्रकार के अपराध स्वयं के ईगो या किसी अन्य की हानि का परिणाम हो सकती है। इस प्रकार के अपराध से सारा विश्व पीड़ित है। इनकी संख्या में भी लगातार वृद्धि हो रही है। यह अपराध विधि प्रवृतक विधिक संस्थाओं के सामने निरंतर भयंकर निरंतर नये रूप में सामने आ रहा है। क्योंकि तकनीकि का विकास दिन प्रतिदिन नये रूप एवं नये ढंग से सामने आ रहा है इस अपराध की विशेषता में साइलेन्ट नेचर, ग्लोबल करेक्टर, हाइइम्पेक्ट, हाइपोटेन्शियल एवं अपराध घटना स्थल पर अपराधी की उपस्थिति न भी हो तो भी अपराध को मूर्त रूप दिया जा सकता है और इसके अपराधी व पीड़ित एक दूसरे के सम्पर्क में न भी रहे हो वो एक दूसरे को न भी जानते हो तब भी अपराध किया जा सकता है इसमें अपराधी की पहचान एवं पकड़े जाने की संभावना एक दम नगण्य हो जाती है।
Cite this article:
राकेश कुमार राय. वर्तमान समय के साइबर अपराध एवं विधिक व्यवस्था . Int. J. Ad. Social Sciences 3(2): April-June, 2015; Page 80-82
Cite(Electronic):
राकेश कुमार राय. वर्तमान समय के साइबर अपराध एवं विधिक व्यवस्था . Int. J. Ad. Social Sciences 3(2): April-June, 2015; Page 80-82 Available on: https://ijassonline.in/AbstractView.aspx?PID=2015-3-2-7