Author(s): अहिल्या तिवारी

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Address: श्रीमती अहिल्या तिवारी
समाज शास्त्र अध्ययन शाला, पं. रविशंकर शुक्ल विश्वविद्यालय, रायपुर(छ.ग.)
*Corresponding Author

Published In:   Volume - 1,      Issue - 2,     Year - 2013


ABSTRACT:
समाज एवं राष्ट्रª की शैक्षिक प्रगति के लिए अनिवार्य है कि समाज के सभी वर्गो के बालक-बालिकाओं को शिक्षित किया जाए। व्यवहार में ऐसा नहीं है। स्वतंत्र भारत में शिक्षा का तेजी से प्रसार हुआ है, परंतु शिक्षा का यह प्रसार सामाजिक आर्थिक दृष्टि से उच्च एवं मध्यम वर्ग में ही हुआ है। समाज का एक विस्तृत वर्ग आज भी शिक्षा के प्रसार की प्रक्रिया में पिछड़ा हुआ है। समाज के एक वर्ग में शिक्षा के अल्प प्रसार को एक गंभीर समस्या माना जा रहा है। भारतीय समाज में अनुसूचित जन-जातियों को शिक्षा के क्षेत्र में पिछड़े एवं कमजोर वर्ग में सम्मिलित किया जाता है।


Cite this article:
अहिल्या तिवारी. अनुसूचित जनजातियों में षिक्षा का अभाव (छत्तीसगढ़ राज्य के विषेष संदर्भ में). Int. J. Ad. Social Sciences 1(2): Oct. - Dec. 2013; Page 61-62.

Cite(Electronic):
अहिल्या तिवारी. अनुसूचित जनजातियों में षिक्षा का अभाव (छत्तीसगढ़ राज्य के विषेष संदर्भ में). Int. J. Ad. Social Sciences 1(2): Oct. - Dec. 2013; Page 61-62.   Available on: https://ijassonline.in/AbstractView.aspx?PID=2013-1-2-6


संदर्भ -
1.       Census  of  India  2001
2.       Selected  education  statics
3       (मानव संसाधन विकास मंत्रालय भारत सरकार 2001)
4.       www.google.com

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