Author(s): डी.एन. खुटे

Email(s): dnkhute@gmail.com

DOI: 10.52711/2454-2679.2024.00014   

Address: डॉ.डी.एन. खुटे
सहायक प्राध्यापक, इतिहास अध्ययनषाला, पं. रविषंकर शुक्ल विष्वविद्यालय रायपुर, छ.ग.
*Corresponding Author

Published In:   Volume - 12,      Issue - 2,     Year - 2024


ABSTRACT:
किसी भी देष व प्रांत के क्षेत्र के सम्पूर्ण विकास के लिये प्रषासन अत्यंत महत्वपूर्ण एवं आवष्यक अंग होता है। प्राचीन छत्तीसगढ़ में प्रषासनिक व्यवस्था की जो परिपाटी थी वह प्रायः कल्चुरि काल में विद्यमान थीं। छत्तीसगढ़ में लम्बे समय तक कल्चुरि राजवंष की अधिसत्ता रही है। इस राजवंष ने 11वीं शताब्दी से लेकर 18वीं शताब्दी मध्यान्त तक शासन किया था। दक्षिण कोसल के कल्चुरि, चेदि कल्चुरियों के वंषज थे, जिनकी राजधानी पुरानी शहर त्रिपुरी थी। इन कल्चुरियों ने छत्तीसगढ़ के इतिहास में एक नए काल की शुरूआत की है। लक्ष्मण राज ने त्रिपुरी से अपने पुत्र कलिंगराज को भेजा। कलिंगराज ने न केवल तुम्माण को अपने अधिकार में किया वरन अपने बाहुबल से दक्षिण कोसल का जनपद भी जीत लिया। उसने तुम्माण को अपनी राजधानी बनाया और दक्षिण कोसल में कल्चुरियों की वास्ताविक सत्ता की स्थापना की एवं नये सिरे से कल्चुरि राज्य की नींव 1000 ई. में डालकर अपनी शक्ति में वृद्धि कर ली। कुछ समय बाद कल्चुरि राज्य रतनपुर और रायपुर दो भागों में विभाजित हो गया। रतनपुर में कल्चुरि शासन 1741 ई. तक रहा। रायपुर में इनकी एक शाखा आई जिसे लहुरी अर्थात कनिष्ठ शाखा भी कहते हैं। कल्चुरि कालीन छत्तीसगढ़ का समाज श्रम विभाजन के आधार पर बंटा हुआ था। उसके अधिकार और कर्तव्य बंटे हुए थे। प्राचीन छत्तीसगढ़ में वर्ण व्यवस्था अपना स्थान प्राप्त कर चुके थे किंतु कट्टरता का अभाव था। छत्तीसगढ़ के कल्चुरि नरेष धर्म परायण थे और जनहित के कार्यों में रूचि रखते थे। इन्होंने अपने शासनकाल में शैव, वैष्णव, शाक्त, जैन, बौद्ध धर्माें को संरक्षण ही नहीं दिया अपितु उन्हें पुष्पित व पल्लवित भी किया। हिंदू समाज का स्वरूप संकुचित न होकर व्यापक था। यही कारण है कि शक, कुषाण, गुर्जर आदि विदेषी जातियों को हिंदू समाज में समाहित कर लिया गया।


Cite this article:
डी.एन. खुटे. छत्तीसगढ़ में कल्चुरि कालीन सांस्कृतिक दषा-एक ऐतिहासिक पुनरावलोकन. International Journal of Advances in Social Sciences. 2024; 12(2):77-4. doi: 10.52711/2454-2679.2024.00014

Cite(Electronic):
डी.एन. खुटे. छत्तीसगढ़ में कल्चुरि कालीन सांस्कृतिक दषा-एक ऐतिहासिक पुनरावलोकन. International Journal of Advances in Social Sciences. 2024; 12(2):77-4. doi: 10.52711/2454-2679.2024.00014   Available on: https://ijassonline.in/AbstractView.aspx?PID=2024-12-2-6


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