ABSTRACT:
अपनी विशिष्ट भौगोलिक आर्थिक एवं सांस्कृतिक स्थिति के आधार पर पर्वतीय क्षेत्र के लिए एक पृथक इकाई की मांग स्वतंत्रता पूर्व से ही शुरू हो गई थी यद्यपि प्रारंभ में यह मांग उदारवादी तरीके से की गई जिसमें यहां निवास करने वाले बुद्धिजीवियों वर्गों द्वारा पत्र-पत्रिकाओं की सहायता से ब्रिटिश सरकार की तरफ अपना ध्यान आकर्षित किया। स्वतंत्रता के पश्चात् गठित फजल अली आयोग जो कि देश में भाषाई आधार पर राज्यों के पुनर्गठन के लिए बनाया गया था ने भी 1955 ई0 में इस क्षेत्र को पृथक राज्य के रूप में गठित करने की संस्तुति की परंतु राजनीतिक इच्छा की कमी के कारण यह क्षेत्र पृथक राज्य का रूप न ले सका। इसके पश्चात् गठित विभिन्न राजनैतिक व सामाजिक संगठन द्वारा पृथक राज्य की मांग को तीव्र तरीके से उठाया गया तथा सरकार की ओर अपना ध्यान आकर्षित करने के लिए जुलूस, धरना-प्रदर्शन, विधानसभा व संसद का सहारा लिया। 1994 का वर्ष उत्तराखंड आंदोलन के लिए एक मील का पत्थर साबित हुआ क्योंकि इस वर्ष सरकार द्वारा मंडल कमीशन की संस्तुति के आधार पर पिछड़े वर्ग के लिए निर्धारित 27 प्रतिशत का आरक्षण उत्तराखण्ड राज्य पर लागू किया गया जबकि यहां पिछड़े वर्गों की जातियों का अनुपात बहुत कम था। जिसका विरोध संपूर्ण उत्तराखण्ड में होना शुरू हो गया। आरक्षण विरोधी आंदोलन को पृथक राज्य आंदोलन में आत्मसात होने में अधिक समय नहीं लगा। आन्दोलन के दौरान सरकार व प्रशासन द्वारा किए गए कृत्यो ने आग में घी का कार्य किया। प्रस्तुत शोध पत्र में इसी आरक्षण विरोधी आन्दोलन के दौरान 2 अक्टूबर 1954 को घटित मुजफ्फरनगर काण्ड के पश्चात् हल्द्वानी में इसके प्रभाव का क्रमबद्ध तरीके से अध्ययन किया गया है। इसके साथ ही नगर के विभिन्न सामाजिक वर्गों मुख्य रूप से महिलाओं व छात्राओं की प्रतिक्रिया को ही दिखाया गया है। मुजफ्फरनगर कांड के पश्चात् पुलिस-प्रशासन की भूमिका पर भी प्रकाश डाला गया है।
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दीप जोशी. मुजफ्फरनगर काण्ड का हल्द्वानी में प्रभाव. International Journal of Advances in Social Sciences. 2024; 12(2):107-3. doi: 10.52711/2454-2679.2024.00019
Cite(Electronic):
दीप जोशी. मुजफ्फरनगर काण्ड का हल्द्वानी में प्रभाव. International Journal of Advances in Social Sciences. 2024; 12(2):107-3. doi: 10.52711/2454-2679.2024.00019 Available on: https://ijassonline.in/AbstractView.aspx?PID=2024-12-2-11
सन्दर्भ ग्रन्थ
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3 उक्त पृष्ठ संख्या 131
4 उक्त पृष्ठ संख्या 132
5 उक्त पृष्ठ संख्या 135
6 उक्त पृष्ठ संख्या 155
7 साक्षात्कार: कुंवर हुकुम सिंह
8 उत्तर उजाला 2 अक्टूबर 1994 मुख्य पृष्ठ
9 उत्तर उजाला 3 अक्टूबर 1994 पृष्ठ संख्या 7
10 डिमरी अर्चना, उत्तराखण्ड आन्दोलन अहिंसात्मक जनान्दोलन, समय साक्ष्य प्रकाशन, देहरादून: 2020 पृष्ठ संख्या 161
11 अमर उजाला 4 अक्टूबर 1994 मुख्य पृष्ठ
12 उत्तर उजाला 4 अक्टूबर 1994 पृष्ठ संख्या 8
13 उत्तर उजाला 5 अक्टूबर 1994 पृष्ठ संख्या 8
14 उत्तर उजाला 7 अक्टूबर 1994 पृष्ठ संख्या 8
15 साक्षात्कार: बग्डवाल खड्क सिंह
16 साक्षात्कार: पाठक मोहन
17 उत्तर उजाला 19 अक्टूबर 1994 पृष्ठ संख्या 8
18 उत्तर उजाला 26 अक्टूबर 1994 पृष्ठ संख्या 8
19 उत्तर उजाला 09 नवम्बर 1994 पृष्ठ संख्या 8
20 उत्तर उजाला 12 दिसम्बर 1994 पृष्ठ संख्या 8