Author(s): सीमा पाण्डे, गोविंद सिंह ठाकुर

Email(s): govindsinghthakur1234@gmail.com

DOI: 10.52711/2454-2679.2023.00014   

Address: डॉ.सीमा पाण्डे1, श्री गोविंद सिंह ठाकुर2
1सह प्राध्यापक इतिहास, गुरू घासीदास विष्वविद्यालय, बिलासपुर (छ.ग.)
2षोध छात्र इतिहास, गुरू घासीदास विष्वविद्यालय, बिलासपुर (छ.ग.)
*Corresponding Author

Published In:   Volume - 11,      Issue - 2,     Year - 2023


ABSTRACT:
प्राकृतिक सौदर्य की छटा बिखरते हुए छत्तीसगढ़ अपनी सांस्कृतिक गौरव के लिए जाना जाता है। तात्कालीन समय में छत्तीसगढ़ भारत के हृदय स्थल मध्यप्रदेष का अविभाजित अंग था। मध्यप्रदेष का स्थानक ऐसी है कि उत्तर से दक्षिण एवं पूर्व से पष्चिम जाने के लिए यहां से गुजरना पड़ता है। षायद यही वजह होगा कि महर्षि दयानंद का मध्यप्रदेष एवं विदर्भ में अनेक बार आगमन हुआ। महर्षि का किसी निष्चित रचनात्मक कार्यक्रम के निमित्त छत्तीसगढ़ आगमन होना विदित नहीं है। किन्तु काषी में श्री सच्चिदानंद परमहंस स्वामी के परामर्ष, ब्रम्हचारी शुद्ध चैतन्य (महर्षि दयानंद) को नर्मदा नदी के तटवर्ती तीर्थ स्थलों-चाबोद, कर्णाली, और व्यास आश्रमादि स्थानों पर जाना चाहिए, मानकर काषी से भाद्रपक्ष संवत 1904 वि. (26 अगस्त से 24 सितम्बर 1847) के बीच किसी तिथी को गुरूजनों से विदाई लेकर नर्मदा नदी के स्रोत की ओर प्रस्थान किया


Cite this article:
सीमा पाण्डे, गोविंद सिंह ठाकुर. समकालिन छत्तीसगढ़ में आर्य समाज का षिक्षा के क्षेत्र में योगदान. International Journal of Advances in Social Sciences. 2023; 11(2):90-5. doi: 10.52711/2454-2679.2023.00014

Cite(Electronic):
सीमा पाण्डे, गोविंद सिंह ठाकुर. समकालिन छत्तीसगढ़ में आर्य समाज का षिक्षा के क्षेत्र में योगदान. International Journal of Advances in Social Sciences. 2023; 11(2):90-5. doi: 10.52711/2454-2679.2023.00014   Available on: https://ijassonline.in/AbstractView.aspx?PID=2023-11-2-5


संदर्भ ग्रंथः
1.      दयानंद सरस्वती, सत्यार्थ प्रकाष-पृ.क्र. 75
2.      वही पृ.क्र. 41
3.      ग्रोवर वी.एल., अलका मेहता, यषपाल, आधुनिक भारत का इतिहास एक नवीन मूल्यांकन, एस.चंद कंपनी प्रा.लि. दिल्ली. 2012, पृ.क्र. 273
4.      दिनकर, रामधारी सिंह, संस्कृति के चार अध्याय लोकभारती प्रकाषन, इलाहाबाद, 2016, पृ.क्र. 519
5.      वही पृ. 75
6.      वही पृ. 11
7.      वही पृ. 11
8.      https:raipuraryasamaj.org/?i=1
9.      वही पृ.-168
10.   वही पृ.-31
11.   डी.ए.बी. सेमेटरी, महर्षि दयानंद का षिक्षा दर्षन पृ. क्र. 1
12.   आर्य समाज स्थापना शताब्दी समारो स्मारिका, आर्य प्रतिनिधि सभा विदर्भ 1975, पृ. 67
13.   डी.ए.बी. सेमेटरी ‘‘महर्षि दयानंद का षिक्षा दर्षन‘‘ पृ. 02
14.   https:gsakm
15.   ^^ आर्य सेवक आर्य षिक्षण संस्था परिचय विषेषांक मार्च-अप्रैल 1994
16.   दिनकर रामधारी सिंह संस्कृति के चार अध्याय लोकभारती प्रकाषन, इलाहाबाद, 2016 पृ. क्र. 520-21

Recomonded Articles:

International Journal of Advances in Social Sciences (IJASS) is an international, peer-reviewed journal, correspondence in the fields....... Read more >>>

RNI:                      
DOI:  

Popular Articles


Recent Articles




Tags