ABSTRACT:
छत्तीसगढ़ में सतनाम पंथ की शुरूआत कैसे हुई? रायपुर जिले के गजेटियर 1973 के अनुसार अधिकांष सतनामी संत रामानंद के षिष्य रोहिदास (रविदास, रैदास) को सतनाम नंथ के पवर्तक मानते है, इसी कारण वे अपने आप को रोहिदासी भी कहते है। क्या स्वयं संत रोहिदास ने छत्तीसगढ़ में आकर सतनाम का प्रचार किया था या किसी अन्य के माध्यम से सतनाम पंथ के उपदेष का आगमन छत्तीसगढ़ में हुआ। हीरालाल ने यह संभावना व्यक्त की है कि बाराबंकी जिले के एक राजपूत जगजीवन उसय ने उत्तर भारत में सतनामी पंथ की शुरूआत की थी तथा गुरूघासीदास ने उनसे प्रेरणा ग्रहण की थी। गुरूघासीदास द्वारा ज्ञान प्राप्त करने की घटना के पीछे तीन विवरण प्रचलित है। रसेल और हीरालाल के अनुसार गुरूघासीदास जगन्नाथ पुरी की यात्रा के लिए निकले थे, सारंगढ़ (जिला - रायगढ़) के पास उसमें ज्ञान की ज्योति जागी, अतः वे जगन्नाथ पुरी की यात्रा में आगे न जाकर सतनाम-सतनाम कहते वापस आ गये। सोनाखान के जंगलों में लम्बी साधना और कठीन तपस्या कर उन्होने अपने सिद्धांतो और विचारों को अधिक स्पष्ट स्वरूप प्रदान किया। अन्य विवरणों के अनुसार सोनखान के जंगल में ही साधना और तपस्या से उन्हे ज्ञान की प्राप्ति हुई। एक अन्य विवरण के अनुसार वे जगन्नाथ पुरी की यात्रा में गये और वहां से सतनाम पंथ के सिद्धांतो का ज्ञान प्रकाष लेकर छत्तीसगढ़ वापस आये। इस संबंध में सही निष्कर्ष तक पहुंचने के लिए छत्तीसगढ़ के सतनाम पंथ के सिद्धांतो, उनके अनुयायियों के विचार, जीवन प्रणाली एवं इतिहास का व्यवस्थित अध्ययन की आवष्यकता है। सतनामी समाज संत षिरोमणी गुरूघासीदास जी के सतनाम धर्म के पथ पर चलने वाले लोगो का विषाल जनसमुह है, जिसका प्रमुख उद्देष्य मानव-मानव एक समान, सत्य, प्रेम, अहिंसा, स्वतंत्रता, स्वाधीनता, समानता का संदेष है। गुरूघासीदास जी के अनुसार - ‘‘मनखे-मनखे एक समान‘‘ अर्थात् मानव एवं अन्य पषु-पक्षी सहित समस्त सजीव-निर्जीव निर्माण का निर्धारण व योनी अनुकूल मूल प्रवृत्तियों में समानता प्रकृति प्रदत्त हो। इसमें किसी भी प्रकार का भेदभाव न हो। जाति वर्ग निर्धारण मानव निर्मित भेदभाव, छुआछूत के भंवर में उलझकर अपने मूल मानव धर्म को भूल चुका है।
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सीमा जायसी, विनोद कुमार साहू. सतनाम दर्षन एवं महिला समानता. International Journal of Advances in Social Sciences. 2023; 11(2):74-9. doi: 10.52711/2454-2679.2023.00012
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सीमा जायसी, विनोद कुमार साहू. सतनाम दर्षन एवं महिला समानता. International Journal of Advances in Social Sciences. 2023; 11(2):74-9. doi: 10.52711/2454-2679.2023.00012 Available on: https://ijassonline.in/AbstractView.aspx?PID=2023-11-2-3
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