ABSTRACT:
देश की आजादी के पश्चात् जनजातियों के विकास हेतु विभिन्न प्रयास किये गए संविधान में चैथे भाग के अनुच्छेद 46 में राज्य को निर्देशित किया गया है कि राज्य के कमजोर तबको के लोगांे को विशेषकर अनुसूचित जनजातियों के शैक्षणिक व आर्थिक हितों को खास तौर से बढ़ावा देश व हर प्रकार के सामाजिक अन्याय एवं शोषण के विरूद्व इन्हें संरक्षण प्रदान करना भारत के संविधान के अनुच्छेद 342 में इन्हें अनुसूचित जनजाति का दर्जा देकर विकास किया गया है। जनजातियों के विकास हेतु विभिन्न शासकीय] अशासकीय] राजनीतिक] मानवशास्त्रीय उपागम बनाये गए है।
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श्रीमती अनुराधा तिर्की, डाॅ- राधा पाण्डेय. जनजाति और राज्य विकास योजना.Int. J. Ad. Social Sciences. 2017; 5(1): 24-28.