ABSTRACT:
आज भारतीय पत्रकारिता का महत्वपूर्ण योगदान है। अध्ययन का मुख्य उद्ेदष्य वैष्वीकरण द्वितीयक स्त्रोतों पर आधारित है। इसमें विभिन्न राज्यों में प्रेस क्लब में हिन्दी पत्रकारिता की दषा एवं दिषा पर प्रकाष डालते हुए विभिन्न परिस्थितियों पर चर्चा की आषा है। भारतीय लोकतंत्र में पत्रकारिता पर पूंजीवाद हावी हो रहा है। पत्रकारिता को निजी स्वार्थों के लिए इस्तेमाल कर रहे लोगों के चंगुल से बाहर निकालने की चुनौती है। वैष्वीकरण के युग में हिन्दी महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही है। वैष्वीकरण ने सम्पूर्ण संसार को एक परिवार में परिवर्तित कर दिया है। वैष्वीकरण का व्यापक प्रभाव मीडिया] साहित्य] संस्कृति] कला और भाषा पर व्यापक स्तर पर पड़ रहा है। हिन्दी भाषा पर इसका प्रभाव स्पष्ट रूप से परिलक्षित किया जा सकता है। विष्व के 93 देषों में अपना स्थान बना चुकी है। आज का युग कम्प्यूटर और मीडिया का युग है। जैसे-जैसे इनका विकास होगा वैसा ही हिन्दी की प्रगति पथ पर अग्रसर होगी। आज हम देखते हैं कि भारत में ही नहीं विष्व में अनेक टी.वी. चैनल हिन्दी में अपन कार्यक्रम प्रसारित कर रहे हैं।
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कुबेर सिंह गुरूपंच. वैष्वीकरण के युग में भारतीय पत्रकारिता का योगदान. International Journal of Advances in Social Sciences. 2024; 12(2):103-6. doi: 10.52711/2454-2679.2024.00018
Cite(Electronic):
कुबेर सिंह गुरूपंच. वैष्वीकरण के युग में भारतीय पत्रकारिता का योगदान. International Journal of Advances in Social Sciences. 2024; 12(2):103-6. doi: 10.52711/2454-2679.2024.00018 Available on: https://ijassonline.in/AbstractView.aspx?PID=2024-12-2-10
संदर्भ सूची:-
1. https://www.researchgate.net
2. https://sk.sagepub.com
3. http://www.erint.savap.org.pk
4. https://csjournals.com