ABSTRACT:
संधारणीय विकास अथवा सतत विकास (sustainable developmentt) विकास की वह अवधारणा है जिसमें प्राकृतिक संसाधन एवं मानव के मध्य सामंजस्य स्थापित हो सके। जल, वायु भूमि, मकान, वृक्ष अग्नि जैव विविधता आदि प्राकृतिक संसाधन है। सतत् विकास की नीतियां बनाते समय इस बात का विशेष ध्यान दिया जाता है कि मानव की न केवल वर्तमान आवश्यकताओं की पूर्ति सुनिश्चित हो वरन् अनंतकाल तक मानव की आवश्यकताओं की पूर्ति हो। इससे प्राकृतिक संसाधन एवं प्राकृतिक पर्यावरण की सुरक्षा पर विशेष बल दिया जाता है, जब से मनुष्य का जन्म इस पृथ्वी में हुआ है तब से लगातार अपनी मूलभूत आवश्यकताओं की पूर्ति हेतु प्राकृतिक संसाधन यानि जल, भूमि, पशु, वन, जानवर एवं जन का उपयोग करता रहा है किंतु औद्योगिकीकरण, शहरीकरण, नगरीयकरण एवं बढ़ती हुई जनसंख्या की मूलभूत का विलासतापूर्ण जीवन यापन हेतु इन संसाधनों का अनुचित दोहन होने से इन पर दबाव बढ़ा है और वर्तमान में संपूर्ण जीव जगत का अस्तित्व ही खतरे में है। संधारणीय विकास अथवा सतत् विकास (sustainable developmentt) विकास की वह अवधारणा है जिसमें विकास की नीतियां बनाते समय इस बात का ध्यान रखा जाता है कि मानव की न केवल वर्तमान आवश्यकताओं की पूर्ति सुनिश्चित हो सके वरन् अनंतकाल मानव आवश्यकताओं की पूर्ति सुनिश्चित हो सकें। इसमें प्राकृतिक पर्यावरण की सुरक्षा पर विशेष बल दिया जाता है।सतत् विकास सामाजिक आर्थिक विकास की वह प्रक्रिया है जिसमें पृथ्वी की सहनशक्ति के अनुसार विकास की बात की जाती है। यह अवधारणा 1960 के दशक तक विकसित हुई जब लोग औद्योगिकरण के पर्यावरण पर हानिकारक प्रभावों से अवगत हुए। सतत विकास का उद्भव प्राकृतिक संसाधनों की समाप्ति तथा उसके कारण आर्थिक क्रियाओं का उत्पादन प्रणालियों के धीमे होने या उनके बंद होने के भय से हुआ। यह अवधारणा उत्पादन प्रणालियों पर नियंत्रण करने वाले कुछ लोगों द्वारा प्रकृति के बहुमूल्य तथा सीमित संसाधनों के लक्ष्यपूर्ण दुरूपयोग का परिणाम है। सतत् विकास कोयला, तेल तथा जल जैसे संसाधनों के दोहन के लिए उत्पादन तकनीकी औद्योगिक प्रक्रियाओं तथा विकास की उचित नीतियों के संबंध में दीर्घकालीन योजना प्रस्तुत करता है।
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सीमा जायसी, आरिफा परवीन. राष्ट्र निर्माण में सतत विकास तथा पर्यावरण संरक्षण एवं संवर्धन. International Journal of Advances in Social Sciences. 2024; 12(3):143-3. doi: 10.52711/2454-2679.2024.00024
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सीमा जायसी, आरिफा परवीन. राष्ट्र निर्माण में सतत विकास तथा पर्यावरण संरक्षण एवं संवर्धन. International Journal of Advances in Social Sciences. 2024; 12(3):143-3. doi: 10.52711/2454-2679.2024.00024 Available on: https://ijassonline.in/AbstractView.aspx?PID=2024-12-3-4
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