राष्ट्रीय शिक्षा नीति की मुख्य विशेषताएँ

 

डॉ. कुबेर सिंह गुरुपंच

प्राध्यापक एवं अधिष्ठाता, भारती विश्वविद्यालय, दुर्ग.*

Corresponding Author E-mail: dhanbsp@gmail.com

 

ABSTRACT:

प्रस्तुत अध्ययन का उद्देश्य राष्ट्रीय शिक्षा नीति की मुख्य विशेषताओ का अध्ययन करना है यह द्वितीयक आकड़ो पर आधारित है तथा राष्टीय शिक्षा नीति उपयोगिता का मूल्यांकन करना है। राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 (एनईपी 2020) में कक्षा 5 तक शिक्षा के माध्यम के रूप में मातृभाषा या स्थानीय भाषा के उपयोग पर जोर दिया गया है, जबकि कक्षा 8 और उसके बाद तक इसे जारी रखने की सिफारिश की गई है। यह अनुशंसा करता है कि सभी छात्र सूत्र के तहत अपने स्कूल में तीन भाषाएं सीखेंगे।

 

KEYWORDS: राष्ट्रीय शिक्षा नीति

 


 


प्रस्तावना: -

विशेषताएं- प्रारंभिक बचपन की देखभाल और शिक्षा और मूलभूत साक्षरता और संख्यात्मकता पर ध्यान केंद्रित करें, ड्रॉपआउट को कम करना और स्कूल शिक्षा के सभी स्तरों पर सार्वभौमिक पहुंच सुनिश्चित करना, सीखना समग्र, एकीकृत, सुखद और आकर्षक होना चाहिए, शिक्षक सशक्तिकरण, न्यायसंगत और समावेशी शिक्षारू सभी के लिए सीखना, स्कूल शिक्षा के लिए मानक-सेटिंग और प्रत्यायन, शैक्षणिक रूप से ध्वनि शिक्षण और सीखने की प्रथाओं को अपनाना, शिक्षण, सीखने और मूल्यांकन में प्रौद्योगिकी को अपनाना राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के अनुसार, परीक्षाओं को भी श्आसानश् बनाया जाएगा। वे ष्कोचिंग संस्कृतिष् को खत्म करने के लिए मुख्य रूप से मुख्य दक्षताओं का परीक्षण करेंगे। छात्रों को बोर्ड परीक्षाओं के उच्च दांव को खत्म करने के लिए किसी भी वर्ष में दो बार बोर्ड परीक्षा देने की अनुमति दी जाएगी। नई शिक्षा नीति 2020 के अनुसार, कुछ विषयों में बोर्ड परीक्षाओं को फिर से डिजाइन किया जा सकता है। बोर्ड परीक्षा के प्रश्न दो प्रकार के होंगेरू बहुविकल्पीय प्रश्नों के साथ वस्तुनिष्ठ प्रकार वर्णनात्मक प्रकार। नेशनल टेस्टिंग एजेंसी (एनटीए) प्रवेश परीक्षाओं की तैयारी के रूप में हर साल कम से कम दो बार एक उच्च गुणवत्ता वाली सामान्य योग्यता परीक्षा, साथ ही विभिन्न विषयों में विशेष सामान्य विषय परीक्षा प्रदान करेगी।

 

निष्कर्ष -

राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 (एनईपी 2020) में कक्षा 5 तक शिक्षा के माध्यम के रूप में मातृभाषा या स्थानीय भाषा के उपयोग पर जोर दिया गया है, जबकि कक्षा 8 और उसके बाद तक इसे जारी रखने की सिफारिश की गई है। यह अनुशंसा करता है कि सभी छात्र सूत्र के तहत अपने स्कूल में तीन भाषाएं सीखेंगे। बच्चों द्वारा सीखी गई तीन भाषाएं राज्यों, क्षेत्रों और निश्चित रूप से छात्रों की पसंद होंगी। हालांकि, तीन भाषाओं में से कम से कम दो भाषाएं भारत की मूल निवासी होनी चाहिए, जिनमें से एक स्थानीय/क्षेत्रीय भाषा होने की सबसे अधिक संभावना है। यह नियम निजी और सरकारी दोनों स्कूलों पर लागू होगा। विज्ञान सहित उच्च गुणवत्ता वाली पाठ्यपुस्तकें घरेलू भाषाओं में उपलब्ध कराई जाएंगी। ऐसे मामलों में जहां घर की भाषा की पाठ्यपुस्तक सामग्री उपलब्ध नहीं है, शिक्षकों और छात्रों के बीच की भाषा अभी भी जहां भी संभव हो, घरेलू भाषा बनी रहेगी।

 

राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 शिक्षकों को द्विभाषी शिक्षण-अधिगम सामग्री सहित द्विभाषी दृष्टिकोण का उपयोग करने के लिए प्रोत्साहित करती है, उन छात्रों के साथ जिनकी घरेलू भाषा शिक्षा के माध्यम से अलग हो सकती है।

 

राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 की विशेषताएँ

नेशनल एजुकेशन पॉलिसी के अन्तर्गत आरम्भ किया जाएगा एक लाइव डैशबोर्ड - जून 2021 से राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 की सफलता को मॉनिटर करने के लिए एक लाइव डैशबोर्ड का आरम्भ किया जाएगा। इस डैशबोर्ड के माध्यम से इस पॉलिसी के कार्यान्वयन प्रक्रिया की निगरानी की जाएगी।

 

नेशनल एजुकेशन पॉलिसी इंप्लीमेंटेशन एण्ड रिव्यू कमेटी - मंत्रालय द्वारा एक इंप्लीमेंटेशन एण्ड रिव्यू कमेटी का गठन राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के अन्तर्गत किया जाएगा। इसको हायर एजुकेशन डिपार्टमेंट के अधिकारियों द्वारा संचालित किया जाएगा। इस कमेटी के माध्यम से इस पॉलिसी की सफलता का मूल्यांकन किया जाएगा।

 

अब विश्वविद्यालय एवं कॉलेजों के पाठ्यक्रमों में शामिल होगा एनसीसी कोर्स- जैसे कि आप सभी जानते हैं नई शिक्षा नीति के अन्तर्गत एनसीसी को प्रोत्साहन देने का प्रावधान है। इसी बात को ध्यान में रखते हुए यूजीसी एवं एनआईसीटी द्वारा एनसीसी को विश्वविद्यालयों में एक वैकल्पिक विषय के रूप में चुनाव किए जाने का निर्णय लिया गया है। एनसीसी के माध्यम से देश के विद्यार्थी अनुशासित एवं देशभक्त बन पाएंगे। एनसीसी के लिए एक सामान्य विकल्पित क्रेडिट पाठ्यक्रम होता है।

 

सार्थक योजना का क्रियान्वयन- अब राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के सफलतापूर्वक कार्यान्वयन के लिए शिक्षा मंत्री रमेश पोखरिया निशांक द्वारा गुणवत्तापूर्ण शिक्षा के जरिए छात्रों एवं शिक्षकों का समग्र विकास (सार्थक) योजना आरम्भ होने जा रही है। सार्थक योजना को सभी पक्षकार जैसे कि राज्य, केन्द्र शासित प्रदेश आदि से विचार विमर्श और सुझाव के आधार पर तैयार किया गया है। इस सम्बन्ध में शिक्षा मंत्रालय द्वारा सभी हितधारकों से सुझाव मांगे गए थे।

 

डल्छम्च् 2020 प्लेटफार्म का शुभारम्भ- केन्द्रीय शिक्षा मंत्री श्री रमेश पोखरियाल निशांक जी के द्वारा एनसीटीई प्लेटफार्म पर डल्छम्च् 2020 प्लेटफार्म लाँच किया गया है। यह प्लेटफॉर्म 1 अप्रैल, 2021 से लेकर 15 मई, 2021 तक कार्यशील रहेगा। इस प्लेटफार्म के माध्यम से नेशनल प्रोफेशनल स्टैंडर्ड फॉर टीचर एवं नेशनल मिशन फॉर मेंटरिंग प्रोग्राम मेंबरशिप के विकास के लिए ड्राफ्ट तैयार किया जाएगा।

 

नेशनल एजुकेशन पॉलिसी कार्यान्वयन प्रक्रिया जल्द की जाएगी आरम्भ - सन् 2020 में नेशनल एजुकेशन पॉलिसी आरम्भ की गई है। राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के अन्तर्गत कार्यान्वयन की। योजना जल्द सरकार द्वारा घोषित की जाएगी। यह 1968 और 1986 के बाद तीसरी शिक्षा नीति है। नई शिक्षा नीति के अन्तर्गत शिक्षा प्रणाली में कई महत्वपूर्ण बदलाव आएंगे जैसे कि शिक्षा की विभिन्न धाराओं के बीच पारम्परिक रेखाओं को हटाया जाएगा, नई पीढ़ी के छात्रों को अधिक शिक्षा सामग्री प्रदान किया जाएगा आदि।

 

नेशनल एजुकेशन पॉलिसी अब समग्र शिक्षा में प्री प्राइमरी भी शामिल होगी - शिक्षा मंत्रालय स्कूलों में राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के सफलतापूर्वक कार्यान्वयन करवाने के कार्य में जुटा हुआ है। इसी बीच यह निर्णय लिया गया है की समग्र शिक्षा में अगले वर्ष से प्री प्राइमरी को भी जोड़ा जाएगा। यह एक बहुत बड़ी पहल है। कोरोना काल के चलते स्कूलों में शुरू हुई ऑनलाइन पढ़ाई को भी शिक्षा मंत्रालय द्वारा मजबूत बनाए जाने का प्रयास किया जा रहा है। सभी राज्यों से समग्र शिक्षा के अन्तर्गत प्रस्ताव भेजने का सुझाव भी शिक्षा मंत्रालय द्वारा दिया गया है।

 

नेशनल एजुकेशन पॉलिसी स्कूल बैग का वजन तथा होमवर्क कम किया जाएगा - राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के अन्तर्गत कई नए फैसले लिए गए हैं जिससे कि शिक्षा को और बेहतर बनाया जाएगा। इस पॉलिसी के अन्तर्गत 1 से 10 कक्षा के बच्चों के लिए स्कूल बैग का वजन उनके वजन का 10 ही होना चाहिए। इससे ज्यादा वजन की किताबें उनके लिए नहीं होनी चाहिए। इसी के साथ नेशनल एजुकेशन पॉलिसी के अन्तर्गत व्हील कैरियर बैग लाना बच्चों के लिए मना किया गया है। क्योंकि उससे बच्चों को चोट लगने का खतरा होता है। सभी विद्यालयों में एक डिजिटल वेइंग मशीन रखी जाएगी। जिससे कि सभी बच्चों के स्कूल बैग का वजन मॉनिटर किया जा सकेगा।

 

छात्र की वित्तीय सहायता - राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के अन्तर्गत राष्ट्रीय छात्रवृत्ति पोर्टल का विस्तार किया जाएगा। इस पोर्टल के माध्यम से बच्चों को वित्तीय सहायता प्रदान की जाएगी। जिससे कि बच्चे पढ़ाई के लिए प्रोत्साहित हो और उनकी प्रगति हो। प्राइवेट एजुकेशनल इंस्टीट्यूशन को भी प्रोत्साहित किया जाएगा ताकि वह अपने बच्चों को छात्रवृत्तियाँ प्रदान करें।

 

आईआईटी बहु विषयक संस्थान बनाए जाएंगे - राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के अन्तर्गत आईआईटी जैसे इंजीनियरिंग संस्थानों को मानविकी छात्रों के लिए हैं दरवाजे खोलने होंगे। आईआईटी बहु विषयक शिक्षा की ओर आगे बढ़ेगा।

 

विदेशी छात्रों के लिए अन्तर्राष्ट्रीय छात्र कार्यालय - इसके अन्तर्गत सस्ती लागत पर अच्छी शिक्षा प्रदान करने वाला एक वैश्विक अध्ययन स्थल के रूप में भारत को बढ़ावा दिया जाएगा। इस योजना के अन्तर्गत प्रत्येक संस्थान में विदेशी छात्रों की मेजबानी करने के लिए एक अन्तर्राष्ट्रीय छात्र कार्यालय की स्थापना होगी।

 

नेशनल रिसर्च फाउंडेशन की स्थापना नेशनल रिसर्च फाउंडेशन की स्थापना की जाएगी। जिसके माध्यम से शोध की संस्कृति को सक्षम बनाया जाएगा। नेशनल रिसर्च फाउंडेशन की स्थापना से भारत में शोधकर्ताओं को बढ़ावा दिया जाएगा। जिससे नई रिसर्च सामने आएंगी जो देश की प्रगति में बहुत महत्वपूर्ण साबित होंगी।

 

छम्च् के अन्तर्गत बोर्ड का महत्त्व- इसके अन्तर्गत बोर्ड परीक्षा का महत्व घटाया गया है। जिससे कि बच्चों के अन्तर्गत तनाव में कमी आएगी। अब बोर्ड की परीक्षा दो भागों में आयोजित की जाएगी। नई शिक्षा नीति के अन्तर्गत ज्ञान बढ़ाने पर जोर दिया जाएगा। राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 समीक्षा- अब मंत्रालय द्वारा इन सुझाव की समीक्षा की प्रक्रिया जारी कर दी गई है। शिक्षा मंत्रालय द्वारा एक ड्राफ्ट कार्यान्वयन योजना नेशनल एजुकेशन पॉलिसी अन्तर्गत तैयार की गई है। यह कार्यान्वयन योजना मंत्रालय द्वारा सितम्बर 2020 में ही तैयार कर ली है है।

 

राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 का विवरण

नेशनल एजुकेशन पालिसी योजना के अन्तर्गत 31 राज्य और केन्द्र शासित प्रदेशों के हितधारकों फीडबैक प्राप्त किया था। इस फीडबैक को विशेषज्ञों के ग्रुप में देखा और कार्यान्वयन योजनारू शामिल किया। इस योजना के कार्यान्वयन की प्रक्रिया को अन्तिम रूप दिया जा रहा है और कार्यान्वयन प्रक्रिया मंत्रालय द्वारा जारी कर दी जाएगी। नेशनल करिकुलम फ्रेमवर्क का ग्राउंड आरम्भ हो गया है और मंत्रालय द्वारा इसे एकेडमिक ईयर 2021-22 में विकसित किया जाएगा मंत्रालय द्वारा राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के अन्तर्गत कुछ विवरण भी दिया गया है जो कि कुछ प्रकार है-

 

राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के अन्तर्गत शिक्षकों के लिए व्यवसायिक विकास अनिवार्य का दिया गया है। इसके लिए दीक्षा प्लेटफार्म पर 50 घण्टे का मॉड्यूल लॉच किया गया है। इस मॉड्यूल के अन्तर्गत 4 से 5 घण्टे के 18 मॉड्यूल होंगे। इस मॉड्यूल के माध्यम से शिक्षकों के लिए इन सर्वि ट्रेनिंग आयोजित की जा सकेगी। इस मॉड्यूल में प्राथमिक शिक्षा के सभी पहलुओं को कवर किया है।

 

शिक्षा मंत्रालय द्वारा एक राष्ट्रीय मिशन के अन्तर्गत फाउंडेशन लिटरेसी एण्ड न्यूमरस मिशन मंजूरी दे दी गई है।

 

सरकार द्वारा दीक्षा प्लेटफार्म के माध्यम से -लर्निंग का काफी विस्तार किया जाएगा। जिससे कि छात्रों को -कंटेंट उपलब्ध करवाया जा सके।

 

नेशनल एजुकेशन पॉलिसी में छात्रों की मानसिक स्वास्थ्य को भी महत्व दिया जाएगा। इस लिए सरकार द्वारा एक इनीशिएटिव लाँच किया गया है जिसका नाम मनुदर्पण हैं। इन इनिशिएटिव माध्यम से छात्रों को परामर्श तथा भावनात्मक सहायता प्रदान की जाएगी। इनी मनुदर्पण इनिशिएटिव अन्तर्गत नेशनल टोल फ्री नम्बर, ऑनलाइन चौट, नेशनल लेवल डायरेक्टरी एण्ड डाटाबेस ऑप काउंसिल्लर्स विकसित किया जाएगा।

 

एनसीआरटी के द्वारा भारतीय संकेत भाषा अनुसंधान और प्रशिक्षण केन्द्र के साथ एक समझौ पर हस्ताक्षर किए गए हैं। इस समझौते के माध्यम से स्कूल शिक्षा के लिए भारतीय सांकेतिक भाषा शब्दकोश बनाया जाएगा।

 

राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के अन्तर्गत सीबीएसई परीक्षा में सुधार चरणबद्ध तरीके से किया रहा है। इन सभी सुधारों को 2021 से लागू किया जाएगा। एकेडमिक ईयर 2021-22 से गणित तथ हिन्दी, अंग्रेजी तथा संस्कृत दो स्तरों में पेश की जाएगी। इसके अलावा दसवीं और बारहवीं कक्षा के लिए बोर्ड परीक्षा में योगदान आधारित प्रश्नों में वृद्धि की जाएगी। यह योगदान आधारित प्रश्नों को बोर्ड परीक्षा में आरम्भ किया जा चुका है और प्रतिवर्ष इन्हें 10 की दर से बढ़ाया जा रहा है।

 

सन्दर्भ-

1.      https:@@hindibag-com

2.      https:@@leadschool-in

3.      https:@@gk&hindigyan-in

4.      https:@@www-jansatta-com

 

 

 

Received on 03.10.2023        Modified on 31.10.2023

Accepted on 19.11.2023        © A&V Publication all right reserved

Int. J. Ad. Social Sciences. 2023; 11(4):236-239.

DOI: 10.52711/2454-2679.2023.00038