बस्तर संभाग की नगरीय जनसंख्या एवं समस्याएँ
कृष्णा नारंग
शोधार्थी, भूगोल विभाग, शासकीय दुधाधारी बजरंग महिला महाविद्यालय, रायपुर (छ.ग.)
*Corresponding Author E-mail: narangkrishna9@gmail.com
ABSTRACT:
प्रस्तुत शोध प्रबंध का अध्ययन क्षेत्र नवनिर्मित छत्तीसगढ़ राज्य के पाँच संभाग (रायपुर, बिलासपुर, दुर्ग, सरगुजा, बस्तर) में से एक बस्तर संभाग है। बस्तर संभाग 17045’ उत्तरी अक्षांश से 20034’ अक्षांश तथा 80013’ से 82015’ पूर्वी देशांतर में स्थित है। इस संभाग का कुल क्षेत्रफल 39,114 वर्ग कि.मी. है। प्रस्तुत शोध प्रबंध में बस्तर संभाग की नगरीय जनसंख्या ,घनत्व ,साक्षरता, लिंगानुपात एवं अनुसूचित जाति, अनुसूचित जन जाति जनसंख्या तथा प्रतिशत एवं समस्याओं का विस्तृत अध्ययन करने का प्रयास किया गया है।
KEYWORDS: बस्तर, नगरीय जनसंख्या, समस्याएँ।
INTRODUCTION:
सघन वनों से आच्छादित यह परिक्षेत्र देश में अपनी विशाल नैसर्गिकता एवं विपुल खनिज सम्पदा व पावन आदिम परम्पराओं एवं संस्कृतियों तथा अनन्य चुनौतियों के कारण सदैव चर्चा में रहा है। बस्तर संभाग छत्तीसगढ़ राज्य की पांच संभागो में से एक संभाग है। बस्तर संभाग क्षेत्रफल की दृष्टि से राज्य का सबसे बड़ा संभाग है। इस परिक्षेत्र को दण्डकारण्य के नाम से भी जाना जाता है। संभाग के अन्तर्गत सात जिले कांकेर, बस्तर, बीजापुर, नारायणपुर, दन्तेवाड़ा, सुकमा, तथा कोण्डागांव जिला आता है। बस्तर संभाग में 32 विकासखंड़ एवं 32 तहसीलें है। वर्ष 2011 की जनगणना के अनुसार बस्तर संभाग की जनसंख्या 3090828 है जो छत्तीसगढ़ की कुल जनसंख्या का 12.09 प्रतिशत है। बस्तर संभाग की कुल जनसंख्या में ग्रामीण जनसंख्या 2672634 है तथा नगरीय जनसंख्या 418194 है जो क्रमशः 86.46 प्रतिशत और 13.54 प्रतिशत है। बस्तर संभाग की जनसंख्या घनत्व 79 व्यक्ति प्रति वर्ग किलोमीटर है।
अध्ययन का उद्देश्य:-
1. बस्तर संभाग में नगरीय जनसंख्या का आंकलन करना।
2. बस्तर संभाग में नगरीय क्षेत्रो की समस्याओं को ज्ञात करना।
अध्ययन क्षेत्र:-
बस्तर संभाग 17045’ उत्तरी अक्षांश से 20034’ उत्तरी अक्षांश तथा 80013’ पूर्वी देशांतर से 82015’ पूर्वी देशांतर में स्थित है। इस संभाग का कुल क्षेत्रफल 39,114 वर्ग कि.मी. है।
अध्ययन विधि:-
प्रस्तुत शोध प्रबंध द्वितीयक आँकड़ो पर आधारित है। आँकड़ो का संकलन संबंधित विभिन्न कार्यालयो, विभिन्न पत्रिका एवं उपलब्ध प्रकाशित तथा अप्रकाशित दस्तावेजो से प्राप्त किया गया है।
बस्तर संभाग संसाधनांे से परिपूर्ण है जिसमे से एक मानव संसाधन है। किसी भी देश की राज्य या क्षेत्र की बात करे तो संसाधनों के विकास से ही उनका विकास होता है। सर्वांगीण प्रगति के लिए संतुलित विकास का होना अतिआवश्यक है। इसी प्रकार बस्तर संभाग की जनसंख्या का विकास स्तर हम देखते है तो कुल जनसंख्या में दशकीय वृद्धि दर सभी जिलों में कम पायी गयी है। वहीं लिंगानुपात एवं जनसंख्या घनत्व में वृद्धि पायी गयी है।
तालिका क्रमांक 1 बस्तर संभाग में जिलेवार लिंगानुपात, घनत्व तथा दसवर्षीय जनसंख्या वृद्धि दर
वर्ष 2001-2011
स्त्रोत:-छत्तीसगढ़ का सांख्यिकी संक्षेप आर्थिक एवं सांख्यिकीय संचालनालय रायपुर
तालिका क्रमांक 1 में प्रदर्शित होता है कि वर्ष 2001 से 2011 तक की लिंगानुपात की बात करे तो बस्तर संभाग की सभी जिलों में भिन्नता पाई गई है। जिला कांकेर में वर्ष 2001 में लिंगानुपात 1005 था जो वर्ष 2011 में 1006 हो गया इसी प्रकार बस्तर जिला में क्रमशः 1011 से 1023 हो गया। नारायणपुर जिला में 1010 से 994 लिंगानुपात दर्ज की गई। दंतेवाड़ा जिला में 1026 से 1020 दर्ज की गई एवं बीजापुर जिला में 996 से 984 लिंगानुपात दर्ज की गया है। इसी प्रकार बस्तर संभाग में जनसंख्या घनत्व को देखे तो जिला कांकेर में वर्ष 2001 में 100 तथा वर्ष 2011 में 105 जनसंख्या घनत्व दर्ज की गई है। बस्तर जिला में क्रमशः 119 से 135 जनसंख्या घनत्व दर्ज की गईं। नारायणपुर जिला में 17 से 30 जनसंख्या घनत्व पाई गई। दंतेवाड़ा जिला में 53 से 64 एवं बीजापुर जिला में 36 से 30 जनसंख्या घनत्व दर्ज किया गया है। बस्तर संभाग में दसवर्षीय जनसंख्या वृद्धि दर का प्रतिशत कांकेर जिला में वर्ष 2001 में 18.68 प्रतिशत तथा 2011 में 15.06 प्रतिशत हो गया। इसी प्रकार अन्य जिलों में क्रमशः बस्तर जिला में 18.18 प्रतिशत से 17.96 प्रतिशत पाई गयी वहीं नारायणपुर जिला में 23.42 प्रतिशत से 19.16 प्रतिशत दसवर्षीय जनसंख्या वृद्धि दर दर्ज की गई है। दंतेवाड़ा जिला में 14.09 प्रतिशत से 12.08 प्रतिशत एवं बीजापुर जिला में 19.30 प्रतिशत से 8.78 प्रतिशत दसवर्षीय जनसंख्या वृद्धि दर इस अवधि काल में दर्ज किया गया है।
बस्तर संभाग में जिलेवार लिंगानुपात (प्रति हजार पुरूष पर स्त्री)
वर्ष 2001-2011
स्त्रोत:-छत्तीसगढ़ का सांख्यिकी संक्षेप आर्थिक एवं सांख्यिकीय संचालनालय रायपुर
बस्तर संभाग में जिलेवार जनसंख्याघनत्व (प्रति हजार पुरूष पर स्त्री)
वर्ष 2001-2011
स्त्रोत:-छत्तीसगढ़ का सांख्यिकी संक्षेप आर्थिक एवं सांख्यिकीय संचालनालय रायपुर
बस्तर संभाग में जिलेवार दसवर्षीय जनसंख्या वृद्धि दर (प्रतिशत में)
वर्ष 2001-2011
स्त्रोत:-छत्तीसगढ़ का सांख्यिकी संक्षेप आर्थिक एवं सांख्यिकीय संचालनालय रायपुर
नोट:- वर्ष 2001- 2011 में 05 जिलों के आधार पर आंकड़ें अंकित हैं।
तालिका क्रमांक 02
बस्तर संभाग की जिलेवार नगरीय जनसंख्या वर्ष 2011
स्त्रोतः-छत्तीसगढ़ का सांख्यिकी संक्षेप आर्थिक एवं सांख्यिकीय संचालनालय रायपुर जनगणना 2011 तहसीलवार आंकड़े के अनुसार
तालिका क्रमांक 2 के अनुसार बस्तर संभाग कीनगरीय जनसंख्या 418194 है। जो राज्य की कुल जनसंख्या का 13.54 प्रतिशत है। जिसमें पुरूषो की संख्या 213006 (50.93 प्रतिशत) तथा महिलाओं की संख्या 205188 (49.07 प्रतिशत) है। वर्ष 2011 की जनगणना के अनुसार बस्तर संभाग में सर्वाधिक नगरीय जनसंख्या बस्तर जिला में 135511 है, जिसमें पुरूषों की संख्या 68855 एवं महिलाओं की संख्या 66656 है। सबसे कम नगरीय जनसंख्या नारायणपुर जिला में 22106 है, जिसमें पुरूषों की संख्या 11451 एवं महिलाओं की संख्या 10655 दर्ज की गई है। इसी प्रकार कांकेर जिला में नगरीय जनसंख्या 76761 है जिसमें 38189 पुरूषों की संख्या, 38572 महिलाओं की संख्या दर्ज की गई है। दंतेवाड़ा जिला में 68031 नगरीय जनसंख्या है, जिसमें पुरूषों की संख्या 35101 है वहीं 32930 महिलाओं की संख्या दर्ज की गई है। बीजापुर जिला में नगरीय जनसंख्या 29600 है, जिसमें 15319 पुरूषों की संख्या है 14281 महिलाओं की संख्या है। सुकमा जिला में 28202 नगरीय जनसंख्या है, जिसमें 15111 पुरूषों की तथा 13091 महिलाओं की संख्या दर्ज की गई है, एवं कोंड़ागांव जिला में 57983 नगरीय जनसंख्या है, जिसमें पुरूषों की संख्या 28980 तथा महिलाओं की संख्या 29003 दर्ज की गई है। इसी प्रकार बस्तर संभाग की जिलेवार लिंगानुपात वर्ष 2011 के अनुसार कांकेर जिला में 1010, बस्तर जिला में 968, नारायणपुर जिला में 930, दंतेवाड़ा जिला में 938, बीजापुर जिला में 932, सुकमा जिला में 866, कोंड़ागांव जिला में 1001 लिंगानुपात दर्ज की गई है।
बस्तर संभाग की जिलेवार नगरीय जनसंख्या वर्ष 2011
स्त्रोत:-छत्तीसगढ़ का सांख्यिकी संक्षेप आर्थिक एवं सांख्यिकीय संचालनालय रायपुर जनगणना 2011 तहसीलवार आंकड़े के अनुसार
बस्तर संभाग की कुल नगरीय जनसंख्या प्रतिशत
वर्ष 2011
स्त्रोत:-छत्तीसगढ़ का सांख्यिकी संक्षेप आर्थिक एवं सांख्यिकीय संचालनालय रायपुर जनगणना 2011 तहसीलवार आंकड़े के अनुसार
बस्तर संभाग की जिलेवार लिंगानुपात वर्ष 2011
स्त्रोत:-छत्तीसगढ़ का सांख्यिकी संक्षेप आर्थिक एवं सांख्यिकीय संचालनालय रायपुर जनगणना 2011 तहसीलवार आंकड़े के अनुसार
तालिका क्रमांक 03
अनुसूचित जाति /अनुसूचित जनजाति तथा कुल जनसंख्या से प्रतिशत जनगणना 2011
स्त्रोत:-छत्तीसगढ़ का सांख्यिकी संक्षेप आर्थिक एवं सांख्यिकीय संचालनालय रायपुर जनगणना 2011 तहसीलवार आंकड़े के अनुसार
तालिका क्रमांक 3 के विश्लेषण से पता चलता है कि बस्तर संभाग में नगरीय जनसंख्या में अनुसूचित जाति की संख्या 30070 है। तथा अनुसूचित जनजाति की संख्या 131349 है। जो क्रमशः संभाग की कुल जनसंख्या का 7.19 प्रतिशत तथा 31.40 प्रतिशत है। संभाग के नगरीय जनसंख्या में सर्वाधिक अनुसूचित जाति जनसंख्या दन्तेवाड़ा जिला में (10.75 प्रतिशत) तथा सुकमा जिला में (5.11 प्रतिशत) सबसे कम जनसंख्या पायी गयी है। वहीं अनुसूचित जनजाति सर्वाधिक जनसंख्या बीजापुर जिला में (52.91 प्रतिशत) तथा सबसे कम बस्तर जिला में (21.74 प्रतिशत) जनसंख्या पायी गयी है।
बस्तर संभाग की जिलेवार अनुसूचित जाति /अनुसूचित जनजाति की कुल जनसंख्या जनगणना वर्ष 2011
स्त्रोत:-छत्तीसगढ़ का सांख्यिकी संक्षेप आर्थिक एवं सांख्यिकीय संचालनालय रायपुर जनगणना 2011 तहसीलवार आंकड़े के अनुसार
बस्तर संभाग की जिलेवार अनुसूचित जाति /अनुसूचित जनजाति तथा कुल जनसंख्या से प्रतिशत जनगणना वर्ष 2011
स्त्रोत:-छत्तीसगढ़ का सांख्यिकी संक्षेप आर्थिक एवं सांख्यिकीय संचालनालय रायपुर जनगणना 2011 तहसीलवार आंकड़े के अनुसार
तालिका क्रमांक 04 बस्तर संभाग की जिलेवार नगरीय साक्षरता दर वर्ष 2011
स्त्रोतः-छत्तीसगढ़ का सांख्यिकी संक्षेप आर्थिक एवं सांख्यिकीय संचालनालय रायपुर जनगणना 2011 तहसीलवार आंकड़े के अनुसार
तालिका क्रमांक 4 से पता चलता है कि बस्तर संभाग में नगरीय साक्षरता दर 82 प्रतिशत है जिसमें 87 प्रतिशत पुरूष तथा 75.44 प्रतिशत महिलाएँ साक्षर है। संभाग में सबसे ज्यादा नगरीय साक्षरता दर कांकेर जिला 86.90 प्रतिशत है एवं 83.43 प्रतिशत के साथ दूसरे नम्बर पर बस्तर जिला है। सुकमा जिला 74.48 प्रतिशत एवं बीजापुर जिला 74.20 प्रतिशत के साथ संभाग का सबसे कम साक्षरता वाला जिला है। इस प्रकार हम देख सकते है कि महिलाएँ अभी भी साक्षरता में पीछे है जो एक बड़ी समस्या है।
बस्तर संभाग की जिलेवार नगरीय साक्षरता दर वर्ष 2011
स्त्रोत:-छत्तीसगढ़ का सांख्यिकी संक्षेप आर्थिक एवं सांख्यिकीय संचालनालय रायपुर जनगणना 2011 तहसीलवार आंकड़े के अनुसार
बस्तर संभाग की जिलेवार नगरीय साक्षरता प्रतिशत वर्ष 2011
स्त्रोत:-छत्तीसगढ़ का सांख्यिकी संक्षेप आर्थिक एवं सांख्यिकीय संचालनालय रायपुर जनगणना 2011 तहसीलवार आंकड़े के अनुसार
निष्कर्ष
बस्तर संभाग में मानव संसाधन के अंतर्गत नगरीय क्षेत्र में जनसंख्या का विकास तथा वृद्धि हो तो रही है लेकिन अभी भी कुछ क्षेत्रो में विकास कि क्रिया धीमी है। संभाग के विकास में सबसे बड़ा बाधक नक्शलवाद है। यहां के निवासी अपनी जन्मभूमि, संस्कृति एवं परम्परा को छोड़ना नही चाहते तथा आधुनिकता को अपनाने से डरते है। यह संभाग दण्डकारण्य का क्षेत्र है, यहां अत्यधिक घने वन पाये जाते है जिससे विकास का कार्य धीमी गति से हो रहा है। संभाग में विभिन्न समस्याएँ जैसे यातायात सुविधा की कमी, जल व्यवस्था की कमी, शिक्षा व्यवस्था में कमी एवं सबसे बड़ी नक्शलवादी समस्या है जिसके कारण यहां विकास कार्य एवं जनसंख्या में कमी देखी जा सकती है।
छत्तीसगढ़ शासन के द्वारा इन सभी समस्याओं को दूर करने के लिए विभिन्न प्रकार की योजनाओं का क्रियान्वयन किया जा रहा है जिससे संभाग में विकास का कार्य प्रगति पर है। राज्य सरकार द्वारा नयी-नयी नीतियाँ लागू करके संभाग की संस्कृति को कायम रखते हुए आधुनिक रूप से विकास का कार्य किया जा रहा है इस प्रकार के प्रयास से संभाग के साथ-साथ राज्य का भी विकास होगा।
संदर्भ ग्रंथ सूची
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13- शंकर, मोटे युवराज, 2010]“Human Resource Development of Tribals in Dhule and Nandurbar Districts of Maharashtra : A Geographical Analysis” Unpublished Ph.D. Thesis, Shivaji University Kolhapur, Maharashtra.
Received on 28.08.2017 Modified on 14.09.2017
Accepted on 22.09.2017 © A&V Publication all right reserved
Int. J. Ad. Social Sciences. 2017; 5(3):171-179.